Wednesday , April 24 2024

चीन से झड़प पर रक्षा मंत्री के साथ पीएम मोदी से मिले विदेश मंत्री

नई दिल्ली। लद्दाख घटना पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. इससे पहले रक्षा राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, आर्मी चीफ एम एम नरवणे और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ आज बैठक की. रक्षा मंत्री की सीडीएस और आर्मी चीफ के साथ आज दिनभर में ये दूसरी बैठक थी. करीब एक घंटे तक चली बैठक में रक्षा मंत्री ने झड़प के बाद सीमा पर स्थिति के बारे में जानकारी ली और इस पर चर्चा की. रक्षा मंत्री ने सीमा पर मौजूदा स्थिति से पीएम मोदी को भी अवगत कराया है.

भारत-चीन के बीच झड़प की खबरें सामने आने के बाद आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने पहुंचे. ये मुलाकात राजनाथ सिंह के घर पर हुई. आर्मी चीफ ने अपना पठानकोट का दौरा भी रद्द कर दिया. यहां चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी पहुंचे.

बता दें कि भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच सोमवार रात हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में भारतीय सेना के एक अफसर समेत दो जवान शहीद हो गए.

इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक उच्च स्तरीय बैठक की. जानकारी के अनुसार यह बैठक सुबह 7:30 बजे से हो रही थी. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ तीनों सेना प्रमुख मौजूद रहे. इनके अलावा CDS जनरल बिपिन रावत और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी बैठक में मौजूद थे. राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लद्दाख की घटना के बारे में पूरी जानकारी दे दी है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान चीन के 4 सैनिक भी मारे गए हैं.

बता दें कि गलवान घाटी में पिछले एक महीने से डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया चल रही है. इसी प्रक्रिया के दौरान चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हो गई. सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं थे. गलवान वैली में 6 जून की मीटिंग के बाद सैनिकों को पीछे हटने की प्रक्रिया चल रही थी. 6 जून को कोर कमांडरों की बैठक हुई थी. इसमें तय हुआ था कि सैनिक पीछे हटेंगे.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch