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बेंगलुरु दंगों में सामने आया कॉन्ग्रेस पार्षद के पति कलीम पाशा का नाम: रह चुका है पूर्व कॉन्ग्रेसी मंत्री का करीबी

मंगलवार की रात (11 अगस्त 2020) बेंगलुरु में हुई हिंसा से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आ रही है। बेंगलुरु में हुए दंगों के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें जिन लोगों को आरोपित बनाया गया है उसमें 7वां नाम कॉन्ग्रेस पार्षद इरशाद बेगम के पति कलीम पाशा का है। पुलिस के मुताबिक़ दंगों की साज़िश रचने वाले मुख्य आरोपितों में एक नाम कलीम पाशा का भी है।

इरशाद बेगम बेंगलुरु नगरपालिका के नगवाड़ा वार्ड से कॉन्ग्रेस पार्षद हैं। लेकिन क्षेत्र के ज़्यादातर काम उसका पति कलीम पाशा ही देखता है। टाइम्स नाउ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ जब पुलिस कलीम को गिरफ्तार करने गई तब वह अपने घर पर नहीं था। पुलिस को अभी तक कलीम की कोई जानकारी नहीं मिली है।

कलीम पाशा (लाल घेरे में)
इसके अलावा कलीम पाशा के कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मंत्री केजे जॉर्ज से भी काफी अच्छे संबंध हैं। पिछले साल सितंबर में कर्नाटक राष्ट्र समिति ने केजे जॉर्ज पर प्रवर्तन निदेशालय को संज्ञान में लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कराया था। केजे जॉर्ज पर आरोप लगा था कि उनके पास विदेशों में करोड़ों की संपत्ति मौजूद है।

पूर्व कॉन्ग्रेस मंत्री केजे जॉर्ज

दंगों से संबंधित एफ़आईआर में और भी कई हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं। एफ़आईआर में लिखा है कि 5 लोगों ने लगभग 200 से 300 लोगों की भीड़ का नेतृत्व किया। उनके पास मशाल से लेकर पेट्रोल बम जैसे ख़तरनाक हथियार मौजूद थे। साथ ही उन्हें इस बात के आदेश मिले हुए थे कि रास्ते में आने वाले हर पुलिसकर्मी को जान से मार देना है। बीते दिन पुलिस ने SDPI के 2 नेताओं को दंगों के मामले में गिरफ्तार किया था। वहीं SDPI के ज़िला सचिव का कहना था कि उनकी पार्टी के सदस्यों का दंगों से कोई लेना देना नहीं है। उनकी पार्टी से जुड़े लोगों पर झूठे आरोप लगा जा रहे हैं।

बेंगलुरु में हुई दंगे की घटनाओं में लगभग 200 से 250 वाहन मौके पर ही जला दिए गए थे। कुछ ही समय पहले इस घटना का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। इस वीडियो में डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन के कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों से आत्मरक्षा के लिए गोली चलाने की इजाज़त माँग रहे थे। वीडियो में साफ़ सुना जा सकता है कि इस्लामी भीड़ पुलिस वालों पर टूट पड़ी। हालात इतने भयावह हो जाने के बाद पुलिस कर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों से आत्मरक्षा में गोली चलाने की अनुमति माँगी थी।

जिस पर अधिकारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि वह भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जो ज़रूरी समझें, वह करें। वीडियो में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, “आपको जो सही लगे वह करिए! इस समय आपको कोई और नहीं बचा सकता है। आपको अपनी सुरक्षा खुद से ही करनी होगी।” टीवी 9 कर्नाटक द्वारा प्रसारित इस वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे उग्र मुसलमानों की भीड़ ने पूरे बेंगलुरु शहर को आग में झोंक दिया। राज्य सरकार ने इस मामले में न्यायिक जाँच के आदेश जारी कर दिए हैं।

न्यायिक जाँच का फैसला कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुराप्पा, गृहमंत्री बसवराज बोम्मई और पुलिस अधिकारियों की बैठक में लिया गया था। इस जाँच की अगुवाई मजिस्ट्रेट करेंगे। बेंगलुरु के पूर्वी और उत्तर पूर्वी इलाक़ों में हुए इन दंगों में 3 लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही कई लोग घायल भी हुए हैं।

कर्नाटक के गृहमंत्री बोम्मई ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, “बेंगलुरु में हुई दंगों की न्यायिक जाँच होगी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तमाम नीति-निर्देशों को मद्देनज़र रखते हुए पूरे घटनाक्रम की जाँच मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगी। इस जाँच के बाद षड्यंत्र रचने वाले असल आरोपित सामने आएँगे।”

मंगलवार की शाम कॉन्ग्रेस विधायक अखंडा श्रीनिवास मूर्थी के आवास पर हज़ारों मुस्लिमों की भीड़ इकट्ठा हुई। कुछ ही देर में भीड़ ने पूरे घर को तबाह कर दिया। इसके बाद डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थाने पर भी जम कर तोड़ फोड़ की। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में कुल 3 लोगों की जान गई थी और 6 लोग घायल हुए थे। दंगे की घटनाओं में 60 पुलिसकर्मी घायल हुए थे जिसमें से 15 नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती हैं।

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