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फारूक अब्दुल्ला ने दिखाए तेवर, बोले- हम किसी की कठपुतली नहीं, सिर्फ जम्मू-कश्मीर के प्रति उत्तरदायी

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वे न तो नई दिल्ली और न ही बॉर्डर पार मौजूद मुल्क की कठपुतली है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति उत्तरदायी हैं और उन्हीं के लिए काम करेंगे.

गुपकार घोषणा पर पाकिस्तान की वाहवाही का जवाब देते हुए रविवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा से जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों का दुरुपयोग किया है. अब पाकिस्तान अचानक से हमें पसंद करने लगा है.

बता दें कि गुपकार घोषणा के तहत जम्मू-कश्मीर की 6 पार्टियों ने अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ने का संकल्प लिया है और भारत सरकार से इस अनुच्छेद की बहाली की मांग की है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि ये एक सामान्य नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति का अहम घटनाक्रम है.

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को प्राप्त धारा 370 का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था.

हम किसी की कठपुतली नहीं

इस बयान पर समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मैं इसे स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम लोग किसी की कठपुतली नहीं हैं, न तो दिल्ली के और न ही बॉर्डर पार मौजूद किसी और के. हमलोग जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए उत्तरदायी हैं और उन्हीं के लिए काम करेंगे.”

असंवैधानिक तरीके से अनुच्छेद 370 छीनी गई

सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मैं पाकिस्तान से अनुरोध करूंगा कि वो हथियारबंद लोगों को कश्मीर में न भेजे. हम अपने राज्य में खून खराबे का अंत चाहते हैं, जम्म कश्मीर की सभी पार्टियां शांतिपूर्वक अपने अधिकारों के लिए लड़ेगी, इसमें पिछले साल 5 अगस्त को असंवैधानिक तरीके से जो हमसे छीना गया था वो भी शामिल है.”

बातचीत की टेबल पर आएं भारत-पाक

फारूक अब्दुल्ला ने भारत-पाकिस्तान से अपील की कि दोनों देश एक बार फिर से बातचीत की टेबल पर आएं, क्योंकि ये सभी के हित में है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब भी संघर्ष विराम उल्लंघन होता है LoC के दोनों ही ओर हमारे लोग मरते हैं. इसे रोका जाना चाहिए.

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