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‘ये सिर्फ धर्मांतरण नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला, लगी है 500 अधिकारियों की टीम’: CM योगी ने कहा – हिन्दू होने पर गर्व

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण गिरोह को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं। ‘रिपब्लिक’ पर एक इंटरव्यू में अर्णब गोस्वामी ने उनसे पूछा था कि क्या उनकी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ है? साथ ही पूछा था कि आखिर हर चुनाव से पहले ही भाजपा धर्मांतरण का मुद्दा क्यों उठाती है? इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून चुनाव से काफी पहले ही बना दिया गया था।

उन्होंने कहा कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ बने क़ानून का अगले विधानसभा चुनाव से कोई लेनादेना नहीं है और न ही उनकी सरकार ने कभी इसका दुरुपयोग किया है। उन्होंने बताया कि कानून का उपयोग हमेशा राष्ट्र और प्रदेश हित के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण गिरोह वाला मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति धाम में छद्म हिन्दू नाम के साथ अपराधियों के घुसने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे उनके पास से सर्जिकल ब्लेड निकले थे। उन्होंने बताया कि मौलाना मोहम्मद उमर गौतम ने बाटला हाउस से देश भर में धर्मांतरण का नेटवर्क फैलाया। उन्होंने इसकी पुष्टि की कि विदेश से फंडिंग लेकर धर्मांतरण कराया जा रहा था। उन्होंने कहा कि ये मूक-बधिर बच्चों को इसीलिए निशाना बनाया जाता है, क्योंकि वो ‘सॉफ्ट टारगेट’ होते हैं। उन्होंने बताया कि घर के भीतर घुसपैठ कर के परिवार को धर्मांतरण कराना इन लोगों का काम था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “बच्चों को जिहादी बनाया जाता है जिनका इस्तेमाल धार्मिक स्थानों पर, आस्था पर चोट करने और VVIP सुरक्षा की सेंध लगाने में किया जाता है। हमारे पास इसके पूरे प्रमाण हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने का पूरा काम है, सिर्फ धर्मांतरण का नहीं है। सरकार ने जबरन धर्मांतरण और इसके गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए अपने 500 से अधिक अधिकारियों की एक टीम लगा रखी है।”

राम मंदिर के मुद्दे पर भी योगी आदित्यनाथ ने याद किया कि देश की स्वतंत्रता के बाद ही राम मंदिर मुद्दे का समाधान हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे थे, जो इस मुद्दे को हमेशा जागृत रखना चाहते थे। उन्होंने पूछा कि विवाद को बरकरार रखे वाले लोग कैसे इसके समाधान को स्वीकार कर सकते हैं। जब उन्हें कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने राम मंदिर पर प्रहार करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट पर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा कि इसका सत्य से कोई लेनादेना नहीं है। वहीं कोरोना के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 24-25 करोड़ की जनसंख्या में से एक-एक मौत दुःखद है। उन्होंने महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश की तुलना की, जहाँ 1.22 लाख लोगों की मौत हुई जबकि यूपी में 22.6 हजार लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई। जबकि महाराष्ट्र की जनसंख्या यूपी की आधी से भी कम है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आँकड़ों का हवाला देते हुए पूछा कि किस राज्य का कोरोना को लेकर प्रबंधन अच्छा रहा? उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर की गई राजनीति पर भी निशाना साधा। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे ऑडिट के बाद सामने आया कि ऑक्सीजन की सप्लाई में बड़ा घपला हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा यूपी में 300 से अधिक सीटें जीतेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘रिपब्लिक’ पर अर्णब गोस्वामी को दिया इंटरव्यू

वहीं AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी के उत्तर प्रदेश में सक्रिय होने पर उन्होंने कुछ खास नहीं कहा। सीएम योगी ने बस इतना कहा कि वो एक बड़े नेता हैं और उन्हें गठबंधन करने का अधिकार है, लेकिन भाजपा इस चुनौती को स्वीकार करती है। वहीं विदेशी अख़बारों में खुद को ‘हिन्दू मिलिटेंट लीडर’ बताए जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी सोच जितनी होगी, वो उतना ही बोलते हैं। उन्होंने कहा कि एक हिन्दू होने पर वो गर्व महसूस करते हैं और यही हिन्दू संस्कार ‘सबका साथ, सबका विकास’ वाली भावना को जन्म देता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बिना किसी भेदभाव के जनहित की योजनाओं का लाभ लोगों को दिया गया और बिना जाति-मजहब देखे ही अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे पहले अपराधी हिन्दू होते थे तो उनका अपराध अपराध माना जाता है, जबकि वो किसी और मजहब के होते थे तो उन्हें छूट दी जाती थी। उन्होंने बताया कि कैसे उन अपराधियों को मुख्यमंत्री अपने घर में बुला कर सम्मानित करते थे।

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