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हरियाणा: डिप्टी स्पीकर पर हमले में 100 से अधिक किसान प्रदर्शनकारियों पर राजद्रोह का केस, 5 गिरफ्तार

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बीच रिपोर्ट आई है कि हरियाणा के डिप्टी स्पीकर और भाजपा नेता रणबीर गंगवा पर हमला करने और उनके सरकारी वहाँ को नुकसान पहुँचाने के आरोप में करीब 100 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर में किसान नेताओं हरचरन सिंह और प्रह्लाद सिंह का नाम भी है। हरियाणा के डिप्टी स्पीकर के ऊपर यह हमला 11 जुलाई 2021 को सिरसा जिले में हुआ था। हमले के बाद ही आईपीसी की धारा 124-A (राजद्रोह) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया।

सिरसा के पुलिस अधीक्षक अर्पित जैन ने मीडिया को बताया कि घटना का वीडियो देखने के बाद मिले सबूतों के आधार पर 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि घटना में शामिल बाकी लोगों की भी पहचान की जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले के समय हरियाणा के डिप्टी स्पीकर कार में ही मौजूद थे और किसी तरह वह बचने में सफल रहे। यह घटना तब हुई गंगवा, भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए सिरसा गए हुए थे। बैठक खत्म होने के बाद गंगवा अपनी गाड़ी में बैठकर वहाँ से बाहर निकले, लेकिन भारी सुरक्षा के बाद भी प्रदर्शकारियों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि गंगवा की गाड़ी पर पत्थर भी बरसाए गए।

पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद गंगवा की गाड़ी वहाँ से निकल पाई। इस घटना में प्रदर्शनकारियों को रोकने में असमर्थ रहने पर सिविल लाइन थाना के एसएचओ विक्रम सिंह को निलंबित कर दिया गया है। डेप्युटी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि जिन्होंने पथराव किया वो किसान नहीं कहे जा सकते। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान दिन-ब-दिन हिंसक होते जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक लोकतान्त्रिक और शांतिप्रिय देश में हिंसक प्रदर्शन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हालाँकि, संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोपों को गलत बताया है। किसान आंदोलनों का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान नेताओं, हरचरन सिंह और प्रह्लाद सिंह समेत 100 किसानों के खिलाफ राजद्रोह जैसे गंभीर धारा लगाकर गलत मामले में केस दर्ज किया गया है, क्योंकि वो सिरसा में हरियाणा के डिप्टी स्पीकर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

बढ़े प्रदर्शनकारियों के हमले:

भले ही किसान नेता आरोपों को गलत और बेबुनियाद बता रहे हों, लेकिन पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। महीने के शुरू में ही ऑपइंडिया ने रिपोर्ट दी थी कि कैसे प्रदर्शनकारी किसानों ने पंजाब के बरनाला जिले के धनौला गाँव में भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल की 1.5 एकड़ जमीन में लगी धान की फसल को नष्ट कर दिया था। इसमें महिलाएँ भी शामिल थीं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने फसल नष्ट करते हुए और भाजपा विरोधी नारा लगाते हुए वीडियो भी बनाया था।

किसान प्रदर्शनकारियों की हिंसक गतिविधियों के संबंध में यह भी आरोप लगता रहा है कि इन्हें पंजाब में पुलिस और राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है। इसी तरह मई में हरियाणा के हिसार में भी किसान प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतारू हो गए थे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर Covid-19 अस्पताल के उद्घाटन के कार्यक्रम को बाधित कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस जगह कार्यक्रम होना था वहाँ अचानक भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी और पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई थी, जिसमें डीएसपी अभिमन्यु गंभीर रूप से घायल हो गए थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया था।

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