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धनबाद में जज की दिनदहाड़े हत्या पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, स्वत: संज्ञान ले झारखंड सरकार से हफ्ते भर में माँगी रिपोर्ट

नई दिल्‍ली। झारखंड के धनबाद में बुधवार (जुलाई 28, 2021) को दिनदहाड़े अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट माँगी है। साथ ही कहा है कि देश भर में न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के संबंध में निश्चित तौर पर सुनवाई की जाएगी।

धनबाद में हुई सत्र न्यायाधीश की हत्या पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि देश भर से कई ऐसे मामले सामने आए जहाँ न्यायिक व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों और वकीलों पर कोर्ट के अंदर और बाहर हमले हुए। ऐसे में कोर्ट भी इन न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के संबंध में सुनवाई करने के लिए तैयार है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सत्र न्यायाधीश आनंद की हत्या के मामले में भी झारखंड सरकार से जवाब माँगा है और मुख्य सचिव एवं डीजीपी को घटना के संबंध में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

इसके अलावा मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने यह भी कहा, “जो निडर होकर अपना काम करते हैं, उनक लिए हम स्वतः संज्ञान लेते हैं। लेकिन हम हाईकोर्ट की कार्रवाई में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि हमें पता है कि झारखंड हाईकोर्ट ने इस घटना के संबंध में पहले ही संज्ञान लिया है।” बेंच ने यह भी कहा कि राज्यों को चाहिए कि वो न्यायिक अधिकारियों और वकीलों की सुरक्षा का दायित्व निभाएँ जिससे बिना डरे हुए लोगों को न्याय दिलाने का कार्य किया जा सके।

ज्ञात हो कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद, धनबाद में सुबह की सैर के लिए निकले थे तब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें टक्कर मारी थी। घटना का वीडियो भी सामने आया था। इससे साफ था कि उन्हें जान बूझकर टक्कर मारी गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से उनके सिर पर किसी भारी चीज से वार करने का पता चला। यह बात भी सामने आई है कि जिस ऑटो से उन्हें टक्कर मारी गई वह पाथरडीह की सुगनी देवी का है। सुगनी के अनुसार उसका ऑटो चोरी हो गया था।

सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद धनबाद के चर्चित रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे। 3 दिन पहले ही उन्होंने यूपी के ईनामी शूटर अभिनव सिंह व अमन सिंह के गुंडे रवि ठाकुर व आनंद वर्मा की जमानत खारिज की थी। वह हजारीबाग के रहने वाले थे और 6 महीने पहले ही बोकारो से धनबाद आए थे।

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