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मोहर्रम के लिए डीजीपी की जारी गाइडलाइन में अपशब्द! शिया बोर्ड ने CM योगी को लिखा खत

लखनऊ। लखनऊ में मोहर्रम के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में जारी गाइडलाइन में अपशब्दों को हटाने के संबंध में चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा गया है. यह पत्र ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष यासूब अब्बास ने पुलिस कमिश्नर के जरिये चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ को लिखा है.

जानकारी के मुताबिक मोहर्रम में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसमें शिया पर्सनल लॉ बोर्ड यासूब अब्बास ने दावा किया है कि इसमें कई लाइन और शब्द का गलत तरीके से प्रयोग किया गया है. इसकी वजह से शिया समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है. ऐसे में चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर उन शब्दों को और उस लाइनों को हटाकर गाइडलाइन पेश करने की बात कही है.

ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष यासूब अब्बास के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने मुहर्रम के अवसर पर एक गाइडलाइन जारी की है जिसमें कई लाइनें और शब्द गलत दिए हैं. इसकी वजह से शिया समुदाय में काफी रोष है. इन सभी तर्जुमा और शब्दों को गाइडलाइन से हटाया जाना चाहिए. क्योंकि बहुत सी ऐसी बातें लिखी हैं जो मोहर्रम में मुस्लिम समुदाय करता ही नहीं है. लेकिन गाइडलाइन में दी गई हैं. यह काफी घोर निंदनीय है.

यूपी में मुहर्रम की गाइडलाइंस पर विवाद क्यों 

सबसे पहले समझिए विवाद की वजह क्या है. डीजीपी मुख्यालय की तरफ से जारी गाइडलाइंस के एक पाइंट पर मुख्य तौर पर शिया धर्मगुरुओं ने आपत्ति जताई है. गाइडलाइंस के चौथे पाइंट के एक हिस्से में लिखा है, ‘पुराने लंबित धार्मिक एवं साम्प्रदायिक प्रकरणों तथा ऐसे नये उठने वाले विवादों, अपरम्परागत धार्मिक जुलूसों एवं कार्यों, यौन संबंधी घटनाओं, गौवंश वय/परिवहन आदि घटनाओं को लेकर पूर्व में अनेक अवसरों पर सम्प्रदायिक सद्भाव प्रभावित होता रहा है. उक्त के दृष्टिगत विशेष सर्तकता अपेक्षित है.’

गाइडलाइंस पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद (Shia religious leader Maulana Kalbe Javvad) ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि इसके लिए यूपी पुलिस को कोर्ट में लेकर जाना चाहिए. वह बोले, ‘गाइडलाइंस शिया के ऊपर झूठे आरोपों का पुलिंदा है, लिखा है कि मुहर्रम में रेप होते हैं, गाय काटी जाती हैं. क्या यह सब कोविड गाइडलाइन हैं?’ मौलाना कल्बे जवाद ने आरोप लगाया कि ऐसा करके सिर्फ शिया-सुन्नी नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम का भाईचारा खराब करने की कोशिश हुई है.

वह बोले, ‘यह गोलियों भरा खत है, जिसमें हमारे समुदाय को गाली दी गई है.’ उन्होंने इस लेटर को वापस लेने की मांग भी की. जवाद ने कहा कि वे लोग खुद कोरोना की वजह से जुलूस नहीं निकालने वाले थे. ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने भी इस सर्कुलर की निंदा की है. वह बोले कि ऐसी लगता है कि यह किसी तालिबानी सोच वाले व्यक्ति ने लिखी है. उन्होंने इसे सऊदी और वहाबी सोच का नमूना तक कहा.

एडीजी ने कहा – सालों से यही सर्कुलर जारी हो रहा 

गाइडलाइंस को लेकर उठे विवाद पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने फोन पर कहा कि तीन-चार साल से यही सर्कुलर जारी हो रहा है. इसमें कोई भी बात नई नहीं लिखी गई है.

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