Thursday , April 25 2024

यूपी चुनाव को देखते हुए मायावती ने किया बड़ा बदलाव, नियुक्त किए BSP के 3 प्रवक्ता

लखनऊ। देश में राजनीतिक पार्टियों ने अपना पक्ष मीडिया और लोगों के सामने रखने के लिए प्रवक्ताओं को नियुक्त कर रखा है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी बिना प्रवक्ताओं वाली पार्टी के तौर पर जानी जाती हैं. लेकिन अब साल 2022 में यूपी में होने वाले चुनाव को देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा बदलाव किया है और लोगों तक अपनी और पार्टी की बातें पहुंचाने के लिए तीन प्रवक्ताओं को नियुक्त किया है.

हालांकि, बसपा की ओर से अभी तक जो चुनिंदा नेता टीवी पर बहस करते नजर आते थे, वो पार्टी की ओर से घोषित प्रवक्ता नहीं थे बल्कि बसपा के समर्थक और जानकार के तौर पर खुद को लिखते थे. मायावती ने एक बार खुद प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि बसपा को कोई भी आधिकारिक प्रवक्ता नहीं है. बसपा नेता सुधींद्र भदौरिया टीवी पर पार्टी समर्थक के तौर पर चर्चा में हिस्सा लिया करते थे, लेकिन बसपा प्रवक्ताओं की लिस्ट में उन्हें जगह नहीं मिल सकी.

बसपा मीडिया में बात रखने के लिए प्रवक्ताओं की बजाय अपने कैडर का सहारा लेती है और ग्राउंड स्तर तक अपनी बात संगठन के जरिए पहुंचाती है. चुनाव के दौरान यह बूथ स्तर तक होता है, जिसे अलग-अलग क्षेत्र के कॉर्डिनेटर देखते हैं और इन सब पर मायावती नजर रखती हैं.

पार्टी समर्थकों तक अपनी बात पहुंचाने में प्रवक्ताओं की कमी ना खले, इसके लिए मायावती खुद ही मीडिया के लोगों को बुलाकर प्रेस कॉफ्रेंस करती हैं. हालांकि, इस दौरान वो सिर्फ अपनी बात रखती हैं और पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं देती हैं, लेकिन अब उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए तीन प्रवक्ता नियुक्त किए हैं. ये प्रवक्ता पत्रकारों से बात करने से लेकर मीडिया की चर्चाओं में भाग लेंगे.

दरअसल, 2022 के चुनाव को देखते हुए मायावती एक बार फिर से सक्रिय हैं और लगातार मीडिया में अपनी बातें रख रही हैं और केंद्र की मोदी से लेकर योगी सरकार को घेर रही हैं. हाल ही में आजतक के कार्यक्रम में बसपा की ओर से पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और विधायक दल से उपनेता उमाशंकर सिंह शामिल हुए थे. वहीं, अब मीडिया की ताकत को देखते हुए तीन प्रवक्ताओं के नाम जारी कर दिए हैं, जो पार्टी की बात को मीडिया में रखने का काम करेंगे.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch