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थरूर पर लिबरल गिरोह गरम, कहा- RSS के सुर में बोल रहे: तालिबान में केरल के युवकों के शामिल होने की जताई थी आशंका

नई दिल्ली। कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने आशंका जताई थी कि केरल से ISIS में शामिल होने गए कट्टरपंथी तालिबान में शामिल हो चुके हैं। थरूर द्वारा केरल के कट्टरपंथी युवाओं को लेकर कही गई इस बात से ‘लिबरल’ समुदाय भड़क उठा।

थरूर के बयान से द क्विंट के पत्रकार आदित्य मेनन भी नाखुश दिखाई दिए। द क्विंट पहले भी इस्लामी कट्टरपंथियों के अपराधों को छुपाने के लिए लेख प्रकाशित करता रहा है और उन्हें ‘बेटा’, ‘दोस्त’ या पति कहते हुए उनका महिमामंडन करता रहा है। मेनन पूर्व में शरजील इमाम जैसे कट्टरपंथी का समर्थन भी कर चुके हैं जिसने भारत के पूर्वोत्तर हिस्से को मुख्य भूमि से अलग करने की बात कही थी। मेनन के अलावा दूसरे अन्य मुस्लिमों ने भी थरूर को आड़े हाथों लिया और उन पर RSS के सुर में बोलने का आरोप लगाया।

कई लिबरल इसलिए नाराज थे क्योंकि थरूर द्वारा केरल के युवाओं की कट्टरता पर ध्यान आकृष्ट कराना, दक्षिणपंथी इकोसिस्टम की सहायता करेगा। इसका मतलब यही हुआ कि दक्षिणपंथी इकोसिस्टम की सहायता, केरल के युवाओं द्वारा ISIS में शामिल होने से कहीं ज्यादा बड़ा खतरा है।

इस मुद्दे का समाधान ढूँढने से ज्यादा लिबरल इस बात को लेकर चिंतित दिखाई दिए कि थरूर के बयान के बाद एक ‘हेट कैंपेन’ शुरू हो जाएगा।

थरूर ने एक और ट्वीट किया जिसमें केरल की निमिषा फातिमा के बारे में जानकारी दी गई थी जो ISIS में शामिल होने के लिए भारत छोड़कर चली गई थी और अफगानिस्तान में कैद में थी। संभावना है कि फातिमा उन 5000 कैदियों में से एक है जिन्हें तालिबान द्वारा रिहा किया गया है। थरूर के इस ट्वीट के बाद भी लिबरल भड़क उठे और उनसे पूछा कि उन्हें कैसे पता कि तालिबान में केरल के लोग भी हैं।

फिलिस्तीन का झंडा अपनी प्रोफाइल में लगाए हुए कुछ ट्विटर यूजर ने शशि थरूर पर आरोप लगाया कि उन्होंने घृणा फैलाने वालों के लिए अपने राज्य को धोखा दिया है।

ज्ञात हो कि तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (17 अगस्त) को ट्वीट कर अफगानिस्तान में आतंक मचाने वाले तालिबानियों में दो भारतीयों के शामिल होने की आशंका जताई थी। थरूर ने दावा किया था कि उन्होंने वीडियो में दो भावुक तालिबानियों को मलयालम में बातचीत करते हुए सुना है। थरूर ने लिखा, “ऐसा प्रतीत होता है कि तालिबान ने केरल के कम से कम दो मलयाली लोगों को भर्ती किया है। इनमें से एक को 8 सेकेंड के आसपास ‘संसारिककिट्टे’ (मलयाली शब्द) बोलते हुए सुना जा सकता है और दूसरा तालिबानी इसे समझता है।”

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