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‘इस्लाम के नाम पर किसी आतंकी समूह को बेगुनाहों को मारने नहीं देंगे’: तालिबान, IS ने ली काबुल हमलों की जिम्मेदारी

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से वहाँ के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार (30 अगस्त) की सुबह आतंकियों ने एक के बाद एक कई रॉकेट दागे। इस्‍लामिक स्‍टेट ने इन हमलों की जिम्‍मेदारी ले ली है।

समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक इस्‍लामिक स्‍टेट के नशेर न्यूज ने अपने टेलीग्राम चैनल पर इस हमले की जिम्‍मेदारी लेते हुए कहा, ”यह हमला हमने किया है। अल्‍लाह की मर्जी से खलीफा के सैनिकों ने काबुल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को 6 कत्यूषा रॉकेटों से निशाना बनाया।”

अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान का कहना है कि एयरपोर्ट की तरफ आते 5 रॉकेट को अमेरिकी सैनिकों ने नष्‍ट कर दिया। हाल के दिनों में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब इस्‍लामिक स्‍टेट ने काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाने की जिम्‍मेदारी ली है।

वहीं, ‘नया’ तालिबान इस बार पीआर और प्रोपेगेंडा के खेल में अच्छी तरह से तैयार होकर उतरा है। इंडिया टुडे के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कट्टरपंथी इस्लामी समूह ने हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमलों की निंदा की है। उसने कहा है कि इस्लाम के नाम पर निर्दोष लोगों को मारने के लिए किसी भी समूह के पास कोई की कारण नहीं है।

तालिबान का नया चेहरा पहले से बेहद अलग लग रहा है। दशकों से इस क्षेत्र को आतंकित करने वाले कट्टरपंथी संगठन ने कहा कि वे काबुल हवाई अड्डे पर आईएसकेपी के आत्मघाती बम विस्फोटों की निंदा करते हैं। इंडिया टुडे से बात करते हुए, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, “इस्लाम के नाम पर किसी भी समूह के पास बेगुनाहों को मारने का कोई कारण नहीं है। अफगानिस्तान के लोगों को शांतिपूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। हम इसके लिए जीतोड़ मेहनत करेंगे।”

आत्मघाती बम विस्फोट नहीं होना चाहिए था, ये कहते हुए जबीउल्लाह ने कहा कि हवाईअड्डा अमेरिका के नियंत्रण में है। उसने सुरक्षा में चूक की आलोचना करते हुए आगे कहा कि वहाँ की अराजक स्थिति अफगानिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा है।

बता दें कि गुरुवार (26 अगस्त) को काबुल हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती बम धमाकों में 169 अफगानी और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इस हमले की जिम्‍मेदारी भी इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) ने ली थी। इसके बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने इनसे बदला लेने का संकल्प लिया था। बाइडन ने राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में काबुल में हमले करने वालों को खोजकर मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इस हमले को अमेरिका भूलेगा नहीं और दोषियों को ढूंढकर मारा जाएगा।

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