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प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में लखनऊ में महिला मार्च, ढोल नगाड़ों के बीच गूंजा लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा

लखनऊ (आई वाच न्यूज़ नेटवर्क)। उत्तर प्रदेश में सोमवार को विधानसभा चुनाव 2022 में आखिरी चरण का मतदान समाप्त होने के बाद भी राजनीति के मैदान में कांग्रेस अभी भी सक्रिय रहने के प्रयास में है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कांग्रेस का लखनऊ में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में महिला मार्च निकाला गया। करीब तीन किलोमीटर के इस महिला मार्च में शामिल होने वाली कुछ महिलाओं को कांग्रेस की तरफ से स्कूटी तथा स्मार्ट फोन का भी ऑफर है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस की महिला विंग ने राष्ट्रीय इकाई के साथ लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण का संदेश देते हुए ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ महिला मार्च का आयोजन किया। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में होने वाले इस मार्च में उत्तर प्रदेश में विधान सभा का चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस की 159 महिला प्रत्याशी शामिल हुईं। प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ इस मार्च में शिरकत करने के लिए पूरे देश से कांग्रेस की निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।

ढोल नगाड़ों के बीच निकली लड़की हूं, लड़ सकती हूं… रैलीः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लखनऊ के 1090 चौराहे पर लड़की हूं लड़ सकती हूं… गूंज रहा है। सिकंदरबाग से 1090 चौराहे तक का पूरा रास्ता जैसे गुलाबी रंग में रंगा है।महिलाओं का उत्साह भी देखते ही बन रहा।लड़की हूं लड़ सकती हूं.. लिखी हुई गुलाबी रंग की साड़ी के साथ ही प्रियंका गांधी की फोटो वाले बैग, दुपट्टे पहन के भी महिलाएं आई हुई हैं। अलग-अलग जगहों से महिलाओं की टोली रैली में हिस्सा लेने आई है। करीब दो बजे प्रियंका गांधी पहुंचीं। अपनी नेता को देखते ही कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।प्रियंका गांधी ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया और जिंदाबाद का नारा तेज होता गया।ढोल नगाड़ों के बीच लड़की हूं लड़ सकती हूं… रेली सिकंदरबाग की ओर बढ़ने लगी। रैली में विधानसभा चुनाव में खड़े कांग्रेस के सभी प्रतिभागी भी शामिल हुए।

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नेट्टा डिसूजा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक भूमि से शुरू किया गया ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान कांग्रेस के लिए आंदोलन है। कांग्रेस महिलाओं के सशक्तिकरण की सिर्फ बात ही नहीं करती है, बल्कि उसे जमीन पर लेकर भी जाती है। ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’कांग्रेस के लिए सिर्फ चुनावी नारा नहीं बल्कि देश-प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त और सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है। इसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि पार्टी कुल उम्मीदवारों से 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी। पार्टी ने वह वादा पूरा किया और इस विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से 159 महिला उम्मीदवारों को पार्टी ने चुनाव लड़ने का मौका दिया।

उन्होंने बताया कि यह महिला मार्च एकजुटता का संदेश देने और राजनीति को अधिक समावेशी बनाने के साथ-साथ राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का भी प्रतीक है। नारी शक्ति के राजनीतिक पुनरोत्थान को अब कोई ताकत नहीं रोक सकती है और उत्तर प्रदेश से इसकी शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित इस मार्च में डॉक्टर्स, सेविकाओं, शिक्षिकाओं के साथ खेल और सिने जगत से जुड़ी महिलाओं के अलावा कांग्रेस पार्टी की महिला पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुईं।

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