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राम मंदिर का उद्घाटन होगा गेम-चेंजर, लेकिन 32 हजार करोड़ रुपये से अयोध्या का विकास उससे भी बड़ा

नई दिल्‍ली। देश के गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने घोषणा कर दी है कि अयोध्‍या में श्री राम जन्‍मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) मंदिर का भव्‍य शुभारंभ अगले साल 1 जनवरी को होगा. केंद्र सरकार और उत्‍तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि एक बार खुलने के बाद, मंदिर में प्रतिदिन 1 लाख से अधिक भक्‍त आएंगे और 2047 तक 10 करोड़ से अधिक भक्‍त सालाना अयोध्‍या आ सकते हैं. इसका सीधा मतलब है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार 32,000 करोड़ रुपये की मेगा योजना के साथ अयोध्‍या को विकसित करने जा रही है. अयोध्या को वैश्विक पर्यटन और आध्यात्मिक गंतव्य में बदलने के लिए 37 एजेंसियों द्वारा निष्पादित 264 परियोजनाएं शामिल हैं. मंदिर के निर्माण पर करीब 1,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह राशि दान से प्राप्‍त होगी.

2024 में भारत की राजनीति पर मंदिर के प्रभाव के आकलन से पहले यह जानना होगा कि इस साल 30 दिसंबर तक भव्‍य श्री राम जन्‍मभूमि मंदिर का भूतल ही बनकर तैयार होगा. इसमें रामलला की मूर्तियां स्‍थापित होंगी और अगले साल जनवरी में यह श्रद्धालुओं के दर्शन के खुल जाएगा. दरअसल मंदिर ट्रस्‍ट, सार्वजनिक दर्शन के लिए खोलने से पहले पूरे मंदिर के तैयार होने का इंतजार नहीं कर रहा है. मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल को 30 दिसंबर, 2024 तक पूरा होने में एक और साल लगेगा. यह 71 एकड़ से अधिक का पूरा परिसर 2025 में बनकर तैयार होगा. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने डीडी न्यूज के साथ हाल ही में बातचीत में कहा था कि नए मंदिर में मूल रामलला की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. वहीं, भगवान राम की एक नई मूर्ति (लगभग 3 फीट ऊंची) भी स्थापित की जा सकती है, ताकि मूर्तियां, भक्तों द्वारा 19 मीटर की दूरी से देखी जा सकें. ट्रस्ट ने कहा है कि मंदिर का जीवन 1,000 साल से अधिक होगा.

अयोध्‍या में नए हवाई अड्डा से लेकर राजमार्गों, टाउनशिप सहित अन्‍य का निर्माण
अयोध्‍या में लगभग 32,000 करोड़ रुपये की 264 परियोजनाओं के साथ शहर के विकास के हिस्से के रूप में अयोध्या में राजमार्गों, सड़कों, बुनियादी ढांचे, टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधाएं और एक नया हवाई अड्डा बन रहा है. उनमें से 22,500 करोड़ रुपये की 143 परियोजनाएं हैं जिन्हें “प्राथमिकता वाली परियोजनाओं” के रूप में पहचाना गया है, जिन्हें 2024 तक पूरा किया जाना है जब मंदिर जनता के लिए खुल जाएगा.

अयोध्या के लिए एक ‘विजन 2047’ तैयार किया गया
अयोध्या के लिए एक ‘विजन 2047’ तैयार किया गया है, जो इसे ‘ब्रांड अयोध्या’ के हिस्से के रूप में एक वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी, एक बड़ा पर्यटन स्थल और एक स्थायी स्मार्ट शहर बनाने पर केंद्रित है. इसमें एक फ्री-फील्ड वैदिक टाउनशिप, एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन, नई प्रमुख सड़कों का निर्माण और सरयू नदी विकास योजना के साथ-साथ ऐतिहासिक शहर सर्किट और हेरिटेज वॉक इसका हिस्सा हैं.

श्री राम मंदिर का ऐतिहासिक निर्माण सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी ही संभव कर सकते थे
भाजपा लंबे समय से कहती रही है कि मंदिर लाखों लोगों की ‘आस्था’ है, इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का ‘भूमि-पूजन’ किया, तो भाजपा के शीर्ष नेता यह बताने से नहीं चूके हैं कि किसी और शासन काल में ‘मंदिर’ नहीं बनता. अब तक राहुल गांधी या प्रियंका जैसे शीर्ष कांग्रेस नेताओं या समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और मायावती जैसे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री आदि ने साइट का दौरा नहीं किया है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 3 सालों में बार-बार मंदिर साइट का दौरा किया जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग हर महीने मंदिर स्थल का दौरा किया है.

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