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संसद पहुंचने वाली नेहरू-गांधी परिवार की 16वीं सदस्य बनीं प्रियंका, सदन में एक साथ दिखेगा परिवार

नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में आज उस समय एक महत्वपूर्ण अध्याय शुरू हुआ, जब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद सदस्य के रूप में शपथ ली. इसके साथ ही उनकी एक्टिव पॉलिटिक्स की शुरुआत हो गई है. वे केरल के वायनाड से लोकसभा का उपचुनाव जीतकर संसद पहुंची. माना जा रहा है कि लोकसभा में उनकी उपस्थिति से कांग्रेस और मजबूत होगी.

दशकों में पहली बार नेहरू-गांधी परिवार के तीनों सदस्य – सोनिया, राहुल और प्रियंका – अब आधिकारिक तौर पर संसद के सदस्य हैं. हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव में प्रियंका गांधी को 6 लाख 22 हजार से ज्यादा वोट मिले, जबकि उनके सबसे करीबी प्रतिद्विंदी सीपीआई उम्मीदवार सत्यन मोकरी को करीब 2 लाख 11 हजार वोट मिले. इस तरह उन्होंने 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी.

नेहरू-गांधी परिवार की 16वीं सदस्य
प्रियंका गांधी संसद के लिए निर्वाचित होने वाली नेहरू-गांधी परिवार की 16वीं सदस्य हैं. अब तक नेहरू-गांधी परिवार से जवाहर लाल नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित, फिरोज गांधी, श्योराजवती नेहरू, उमा नेहरू, संजय गांधी, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, मेनका गांधी, आनंद नारायण मुल्ला, शीला कोल, अरुण नेहरू, सोनिया गांधी , राहुल गांधी और वरुण गांधी सदन में पहुंच चुके हैं.

संसद में पारिवारिक विरासत

प्रियंका गांधी के लोकसभा में शामिल होने के साथ ही संसद में गांधी परिवार का प्रतिनिधित्व ऐतिहासिक शिखर पर पहुंच गया है. उनकी मां सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि उनके भाई राहुल लोकसभा में विपक्ष के नेता बने हुए हैं. वह उत्तर प्रदेश की बरेली सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. यह पहला मौका है, सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी एक साथ पार्लियामेंट में दिखाई देंगे.

संसद में अन्य राजनीतिक परिवार
संसद और राज्य विधानसभाओं में राजनीतिक परिवारों का अच्छा प्रतिनिधित्व होने का चलन सिर्फ गांधी परिवार तक ही सीमित नहीं है. बल्कि इस सीट में अन्य दलों के नाम भी शामिल हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव दोनों ही लोकसभा में बैठते हैं. इसके अलावा अखिलेश के चचेरे भाई अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव भी संसद में हैं.

इसी तरह, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीत रंजन, जो राज्यसभा में हैं, मौजूदा संसद में राजनीतिक परिवारों की मजबूत मौजूदगी का एक और उदाहरण हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले शरद पवार औरउनकी बेटी सुप्रिया सुले लोकसभा में बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं.

राज्य विधानसभाओं में राजनीतिक वंशवाद
राजनीतिक परिवारों का चलन संसद से आगे बढ़कर राज्य विधानसभाओं तक फैला हुआ है. बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव राज्य विधानसभा में प्रमुख हस्तियां हैं. इसी तरह हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू और उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर दोनों ही विधानसभा के सदस्य हैं.

झारखंड में मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत हेमंत सोरेन, जिनकी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हाल ही में राज्य चुनावों में बहुमत हासिल किया है, राज्य विधानसभा में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ शामिल होंगी.

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