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फॉरेंसिक ऑडिट के दस्तावेज ना देने पर SC ने आम्रपाली के 3 डायरेक्टरों को हिरासत में भेजा

नई दिल्‍ली। आम्रपाली ग्रुप के अधूरे प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से सख्ती दिखाई है. जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने आम्रपाली के तीन डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा, शोव प्रिया और अजय कुमार को पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया. इसके अलावा कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को अवमानना का भी नोटिस भेजा है. कोर्ट ने पुलिस से कहा कि तीनों डिटेक्टर को अपने साथ कोर्ट से ले जाए और तब तक कस्टडी में रखे जब तक दस्तावेज नहीं सीज हो जाता.

कोर्ट ने कहा कि जब तक यह तीन डायरेक्टर आम्रपाली से जुड़े अकाउंट्स और तमाम दस्तावेजों को नहीं सौंपते तब तक ये तीनों डायरेक्टर पुलिस हिरासत में रहेंगे. कोर्ट ने कहा कि हमें अब उम्मीद है कि डायरेक्टर सहयोग करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के साथ आंख मिचौली का आम्रपाली खेल खेल रही है.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की 46 कंपनियों के ऑडिट फॉरेंसिक ऑडिट करने के आदेश दिए थे इसके अलावा कोर्ट आम्रपाली से जुड़े तमाम दस्तावेज सौंपने को कहा था. लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद भी दस्तावेज नहीं सौंपने जाने पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को एक फिर फटकार लगाते हुए यह आदेश जारी किया है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली पर नाराजगी जताई थी कि  2015 के बाद अब तक आम्रपाली की 46 कम्पनियों के सभी खातों की डिटेल कोर्ट को क्यों नहीं सौंपी गई. 10 दिन के सभी एकाउंट की बैलेंस शीट सौंपने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिटर को निर्देश था दिया कि वो 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि कितनी रकम का कैसे गबन हुआ है. दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ग्रुप की 16 संपत्ति नीलाम होगी जबकि सभी 46 कंपनियों और उनके सभी निदेशकों की संपत्ति का फोरेंसिक ऑडिट होगा.

इसके साथ ही कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा को चार दिनों में अपनी संपत्तियों का ब्यौरा हलफनामे में देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अनिल शर्मा से ये भी पूछा था कि 2014 में चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे में 867 करोड़ की बताई गई संपत्ति  2018 में 67 करोड़ कैसे हो गई? कोर्ट से जानकारी क्यों छिपाई?’. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने DRT को आम्रपाली की 16 सम्पतियों की नीलामी/बिक्री का आदेश दिया था. अनुमान है कि सम्पतियों की बिक्री से करीब 1600 करोड़ रुपये की उगाही होगी. ये रकम सुप्रीम कोर्ट परिसर में मौजूद बैक में जमा होगी.

कोर्ट ने आम्रपाली को निर्देश दिया था कि वो 25 लाख की रकम से बैंक में एकाउंट खोले. आगे सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि कैसे इस रकम का अधूरे प्रोजेक्ट के निर्माण में इस्तेमाल हो. कोर्ट ने आम्रपाली के डायरेक्टर को 25 सितंबर को DRT के सामने पेश होने का निर्देश देते हुए कहा था कि इसी बीच आम्रपाली सभी सम्बंधित दस्तावेज DRT को जमा कराए.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एनबीसीसी को आम्रपाली के सभी अटके हुए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी से 30 दिन में विस्तृत योजना मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को कहा था कि वह 30 दिन में बताए कि वह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्टों को कैसे पूरा करेगा.

साथ ही एनबीसीसी निर्माण कार्य पूरा करने के लिए निश्चित टाइम लाइन भी देगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी ऑडिटर्स को आदेश दिया है कि वह ग्रुप की सभी 40 कंपनियों के खातों का बारीकी से परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें. रिपोर्ट में ये भी बताया जाए कि आम्रपाली ग्रुप द्वारा होम बायर्स के लगभग 2500 करोड़ रुपये कहां लगाए हैं. एनबीसीसी के चेयरमैन, आम्रपाली के चेयरमैन और शहरी विकास मंत्रालय के सचिव भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे.

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