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लॉयन के जाल में फंसे रोहित शर्मा की ट्रोलिंग में जॉर्ज बुश का क्या है रोल

 भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज हो चुका है. एडिलेड ओवल ग्राउंड पर चल रहे पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले  बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. विराट कोहली का फैसला हालाकि सुबह तो सही साबित नहीं हुआ क्योंकि टीम इंडिया ने 21 ओवर तक ही पहले चार विकेट केवल 41 रन के स्कोर पर गंवा दिए. इसके बाद रोहित शर्मा ने कुछ देर पारी संभाली लेकिन वे लंच पर बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में आउट हो गए. उनके आउट होने पर ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने ट्विटर पर रोहित शर्मा को ट्रोल कर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश के बयान का उदाहरण दिया है.

ऐसे फंसे शर्मा लॉयन के जाल में
दरअसल हुआ यह कि रोहित शर्मा ने लंच के बाद अपने स्वाभाविक अंदाज में खेलने लगे थे और दो छक्के भी लगा चुके थे. पारी के 38वें ओवर में गेंदबाजी ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर नाथन लॉयन गेंदबाजी कर रहे थे. ओवर की दूसरी गेंद पर रोहित शर्मा ने स्वीप शॉट लगाया जो कि ठीक से कनेक्ट नहीं हुआ गेंद ऊंची उठकर डीप स्क्वायर लेग पर गई. बाउंड्री पर खड़े मार्कस हैरिस कैच लेने के चक्कर में गेंद पकड़ते हुए सीमा रेखा के पार चले गए और अंपायार का अंततः छक्का देना पड़ा.

एक्शन रीप्ले ही हुआ अगली गेंद पर
इसकी अगली ही गेंद पर एक तरह का एक्शन रीप्ले ही हुआ, लेकिन रोहित का शॉट इस बार ज्यादा ही मिसटाइम हो गया और गेंद ज्यादा ऊंची गई. इस बार डीप स्क्वायर लेग पर खड़े हैरिस का दौड़ कर आगे आना पड़ा और एक आसान कैच पकड़ लिया. इस तरह रोहित सॉफ्ट डिसमिसिल से आउट हो गए. रोहित ने चार चौके और तीन छक्के की मदद से 61 गेंदों पर 37 रन बनाए.

इन दो गेंदों में रोहित की गलतियों पर हराल्ड सन ने अपने ट्वीट में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा कही गई कहावत का हवाला दिया जिसका मतलब कुछ यूं है- अगर आपको कोई पहली बार बेवकूफ बनाता है, तो उसके लिए शर्म की बात है, लेकिन अगर आप फिर उसी चाल से बेवकूफ बनते हैं तो फिर यह आपके लिए शर्मिदगी की बात है क्योंकि आपने उससे कोई सबक नहीं लिया.

टीम इंडिया के शुरुआती झटकों उबारने में रोहित शर्मा का अहम योगदान रहा. उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ 45 रनों की साझेदारी की. रोहित अपनी पारी को लंबी नहीं कर सके. इसके बाद टीम इंडिया के विकेट जल्दी जल्दी तो नहीं गिरे लेकिन फिर भी नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे. हालाकि टीम इंडिया को सहारा चेतेश्वर पुजारा से मिला जो एक छोर पर टिके रहे.

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