Friday , March 29 2024

विशेष

साल 2019 में मोदी सरकार को सत्ता में आने से क्यों रोकना चाहते हैं अमर्त्य सेन?

किंशुक प्रवल मोदी विरोध की राजनीति के दौर में नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनने से रोकने के लिये अब राजनीति ने नया अर्थशास्त्र गढ़ा है. नोबल पुरस्कार से सम्मानित ‘भारत रत्न’ अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी विरोधी गैर सांप्रदायिक पार्टियों से एकजुट होने ...

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योगी जी, ये कैसा शासन, महिलाओं पर अपराध में ही हो गया 24 फीसद का बढ़ावा

राजेश श्रीवास्तव एक तरफ यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में महिला सुरक्षा के दावे कर रही है, लेकिन अपराध थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में रोज औसतन 8 महिलाओं का बलात्कार किया जाता है और 3० महिलाओं का अपहरण किया जाता है। ...

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नहीं जनाब, वो इवेंट नहीं था, वो तो सच्ची श्रद्धांजलि थी…

प्रद्युम्न तिवारी पीएम मोदी का विरोध करने के फेर में कुछ लोगों का दिमाग ही फिर गया है… राजदीप सरदेसाई टीवी डिस्कशन के दौरान इशारों ही इशारों में अटल जी की शवयात्रा को भी मोदी सरकार का इवेंट साबित करने की कोशिश कर रहे थे, राजदीप अकेले नहीं हैं अपने ...

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सच्ची श्रद्धांजलि दी है तो फिर करिये अटल बनने का प्रयास

राजेश श्रीवास्तव बीते गुरुवार को जब भारत र‘ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निर्वाण हुआ तो पूरा देश स्तब्ध हो गया। सभी जगह से श्रद्धांजलि व शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। सभी ने अपने-अपने तरीके से दुख व्यक्त किया। यह स्वाभाविक भी था। वह ऐसा कृतित्व ...

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इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तो बन गए हैं, लेकिन सत्ता वो नहीं चलाएंगे

प्रवीन स्वामी  अभी 1997 की सर्दियां खत्म नहीं हुई थीं, करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर पाकिस्तानी फौजियों की लाशें बिखरी पड़ी थीं और इसी बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उस शख्स को बर्खास्त कर जो मुल्क को बर्बादी के इस जंग में घसीट लाया था, लेफ्टिनेंट जनरल ख्वाजा जियाऊद्दीन को ...

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अजातशत्रु नहीं थे अटल बिहारी वाजपेयी

व्यालोक हां, वह अजातशत्रु नहीं थे. संभव भी नहीं है. अजातशत्रु, मतलब जिसका शत्रु पैदा ही न हुआ हो. हम कह देते हैं, लोगों को. वह अतिशयोक्ति है. अतिरंजना है. अटलजी के शत्रु तो उनके पूरे जीवन रहे, उनकी मौत के बाद भी सामने आए. हां, वह भारतीय राजनीति के ...

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जो मृत्यु के सामने भी ‘अटल’ रहा, जिसकी “मौत से ठन गई”

पवन चौरसिया भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की लम्बी बीमारी के चलते हुई मृत्यु के समाचार से पूरा देश गहरे शोक एवं सदमे में है. देश ने केवल एक उम्दा राजनेता ही नहीं, बल्कि एक निर्भीक पत्रकार, एक ओजस्वी कवि, एक कुशल वक्ता और उसमे से भी ...

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वो उन्मुक्त अटल ठहाके कौन भुला पाएगा?

राकेश कायस्थ आस्तीन चढ़ाकर भाषण देते राजनेता, जबरन गले मिलते, आंख मारते और फिर एक-दूसरे पर आंखे तरेरते नेता. घटिया तुकबंदी और उधार की शेरो-शायरी से काम चलाते नेता. दूसरों पर निजी हमले बोलकर, कीचड़ उछाल कर ठहाके लगाते और खुद पर किए गए मामूली कटाक्ष से आग-बबूला होते नेता. ...

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वाजपेयी बिन बीजेपी, अटल बिन आडवाणी

अमितेश पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तो लंबे वक्त से सक्रिय राजनीति से दूर थे. अस्वस्थ होने के कारण 2004 के लोकसभा चुनाव के कुछ साल बाद ही उनकी सक्रिय राजनीति से दूरी बढ़ गई थी. लेकिन, पार्टी के भीतर उनके विचारों और पदचिन्हों पर आगे बढ़ने की बात बराबर ...

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ग्वालियर में है अटल बिहारी वाजपेयी का मंदिर

दिनेश गुप्ता ग्वालियर जिले की छावनी में जन्मे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते है. अटल जी ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन मे कई चुनाव लड़े और जीते. उनके नेतृत्व में बीजेपी ने पहली बार अपने बल पर केंद्र ...

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कड़े फैसलों के समय छलावा बन जाता था वाजपेयी का बाहरी नरम व्यक्तित्व

‘अच्छे वाजपेयी का क्या करेंगे?’ अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष को अपने खास अंदाज में 1996 के विश्वास मत के दौरान यह जवाब दिया था. विपक्ष तंज कस रहा था, ‘वह अच्छे इंसान हैं, लेकिन गलत पार्टी में हैं.’ उनका अंदाज कुछ ऐसा था कि पूरा सदन ठहाकों से गूंज ...

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अटल जी तो अमर हैं 

के के उपाध्याय बात 1985 की है। मैं तब 11 वीं क्लास में था। जेसी मिल स्कूल ग्वालियर में पढ़ता था। तत्कालिन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का निधन हो चुका था। लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी बाजपेयी के ग्वालियर से लड़ने की घोषणा हुई । तब तक मैंने सिर्फ सुना ...

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याद करो कुर्बानी : सामने थी दुश्‍मनों की फौज और ठंड से राइफल की गोलियां पड़ी ठंडी, फिर …

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की 21वीं और आखिरी कड़ी में हम आपको नायब सूबेदार बाना सिंह की वीर गाथा बताने जा रहे हैं. नायब सूबेदार बाना सिंह का जन्‍म 6 जनवरी 1948 को जम्‍मू और कश्‍मीर के काद्याल गांव में हुआ था. उनके सैन्‍य जीवन की ...

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याद करो कुर्बानी: गर्दन में गोली लगने के बावजूद 40 दुश्‍मनों को सुलाया मौत की नींद

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की 20वीं कड़ी में हम आपको गोरखा राइफल्‍स के कैप्‍टन गुरबचन सिंह की वीर गाथा बनाते जा रहे हैं. कैप्‍टन गुरबचन सिंह संयुक्‍त राष्‍ट्र मिशन के तहत परमवीर चक्र पाने वाले पहले भारतीय सैन्‍य अधिकारी हैं. आइये जानते हैं गुरबचन सिंह की पूरी ...

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याद करो कुर्बानी: लैंड माइन बिछा भारतीय सेना को निशाना बनाना चाहता था पाक और फिर…

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की 18वीं और 19वीं कड़ी में हम आपको भारतीय सेना के दो जांबाजों की वीरगाथा बताने जा रहे हैं. सेकेंड लेफ्टिनेंट रामा राघोवा राणे नामक पहले जांबाज ने 1947 के भारत-पाक युद्ध में लैंड माइन सहित दूसरे अवरोधों को साफ कर भारतीय ...

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