Friday , April 26 2024

जिओ भाई सर्वेश तिवारी ‘श्रीमुख’

सम्भवामि युगे युगे…

सर्वेश तिवारी श्रीमुख अधर्म जैसे अपने चरम पर पहुँच चुका था। मथुरा में बैठा कंस स्वयं को ईश्वर बताता था, तो उधर मगध नरेश जरासंध भी ईश्वरत्व का दर्प लिए जी रहा था। कहीं नरकासुर स्वयं को ईश्वर बता कर मानव जाति की प्रतिष्ठा को अपने पैरों तले रौंद रहा ...

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तुम मगध का दुर्भाग्य हो घनानन्द!

सर्वेश तिवारी श्रीमुख हप्ते भर पहले ही विद्यापति नगर से वह बर्बर तस्वीर आयी थी, जब घोर दरिद्रता के कारण एक ब्राह्मण परिवार ने दो छोटे छोटे बच्चों समेत सामूहिक फाँसी लगा ली थी। उस तस्वीर पर किसी को शर्म नहीं आयी। न सत्ता को, न विपक्ष को, न बौद्धिक ...

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साहित्य ही कराता है मानवता का ज्ञान, प्रो. अरुण कुमार भगत!

“साहित्य संवेदना के धरातल पर पुष्पित, पल्लवित और फलित होता है, हमें अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए सबसे पहले मानवीय संवेदना की रक्षा करनी होगी।” यह कहना था साहित्य अकादमी समेत देश के अनेक बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य प्रो अरुण कुमार भगत जी का, जो करवतही बाजार में संस्कार ...

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सेंटा का गिफ्ट…

सर्वेश कुमार तिवारी सन 1510 गोआ के तात्कालिक मुश्लिम शासक यूसुफ आदिल शाह को पराजित कर पुर्तगालियों ने गोआ में अपनी सत्ता स्थापित की। अगले पच्चीस तीस वर्षों में गोआ पर पुर्तगाली पूरी तरह स्थापित हो गए। फिर शुरू हुआ गोआ का ईसाईकरण। कुछ लोग उनकी कथा के प्रभाव में ...

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21 दिसम्बर सन सत्रह सौ चार…

सर्वेश कुमार तिवारी छह महीने से पड़े मुगलों के घेरे को तोड़ कर अपनी चार सौ की फौज के साथ गुरु गोविन्द सिंह निकल गए थे। वहाँ से निकलने के बाद सबको सिरसा नदी को पार करना था। जाड़े की भीषण बरसात के कारण उफनती हुई नदी, और रात की ...

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…..तो अब युगों युगों का भरोसा टूट रहा है

सर्वेश कुमार तिवारी कल परसो हमारे यहाँ की लड़कियों ने पीड़िया बहाई थी। पन्द्रह बीस दिन पहले मिथिलांचल की बेटियों ने शामा-चकेवा खेला था, इसी बीच में अवधियों की बेटियां करमा-धर्मा मनाई थीं। ये सब चिड़ियों के घर आने के पर्व हैं। अब आप चिड़िया का अर्थ पक्षियों से लगाएं ...

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गुनाहों का देवता के बाद हिंदी साहित्य को मिली एक और कालजयी प्रेम कहानी

सर्वेश तिवारी श्रीमुख फरवरी नोट्स दुखांत प्रेम कहानियों में से एक है। तरुणाई के बने रिश्ते को असामाजिक रिश्तों में बदल जाने का दुःख, किसी से जिंदगी भर स्नेह रखने, प्रेम करने का दुःख । नेह छोह , लगाव, मनुहार और प्रेम जब अपनी पराकाष्ठा पर पहुँचने लगे तो उसका ...

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बस काजी साहब ने ललकार दिया, लोगों का मूड बन गया सो मन्दिर तोड़ दिया गया…..

सर्वेश तिवारी श्रीमुख नववर्ष की तमाम खबरों के बीच एक छोटी सी खबर यह भी थी कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भीड़ ने कुछ ही पलों में एक मंदिर को तोड़ दिया, जला दिया। इसके पीछे कोई बड़ा कारण नहीं था, बस काजी साहब ने ललकार दिया, लोगों का ...

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जब धर्म विरोधी शक्तियां रस्सी को सांप बना कर समाज को तोड़ने का षड्यंत्र करें, तब हमें केवल और केवल प्रेम की बात करनी चाहिए

सर्वेश तिवारी श्रीमुख जब धर्म विरोधी शक्तियां रस्सी को सांप बना कर समाज को तोड़ने का षड्यंत्र करें, तब हमें केवल और केवल प्रेम की बात करनी चाहिए। वे एक उदाहरण दे कर कहेंगे कि ठाकुर अत्याचारी होते हैं। मैं हजार उदाहरणों के साथ अड़ा रहूंगा कि आज भी असँख्य ...

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हंस के सम्पादक संजय सहाय ने प्रेमचन्द के लेखन को कहा कूड़ा

सर्वेश तिवारी श्रीमुख वस्तुतः प्रेमचंद उस युग के कथाकार थे जब लेखक केवल लिखता था, एजेंडाबाजी नहीं करता था। प्रेमचंद और संजय सहाय दोनों में एक समानता है कि दोनों ने हंस पत्रिका का सम्पादन किया है। और दोनों में एक अंतर भी है कि प्रेमचंद उस पीढ़ी के लेखक ...

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परत (पुस्तक समीक्षा )

मतलब तो आप समझ कर भी नहीं समझते हैं । अरे वही परत जिसे अंग्रेजी में लेयर कहते हैं। आजकल सबको चढ़ गया है। किसी को विकास का , किसी को अति प्रगतिशीलता का , किसी को विश्व बंधुत्व का , किसी को निरपेक्षता का, अरे वही जिसमें अपना बुरा ...

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मलाला राजनैतिक हलाला की प्रक्रिया से गुजर रही हैं

पाकिस्तान के टूटते मन्दिर और मलाला प्रलाप सर्वेश तिवारी श्रीमुख नोबेल धारिणी सुश्री मलाला ने कश्मीर पर एक चर्चित बयान दिया है। नोबेल उत्कोच मिलने के बाद व्यक्ति का हर बयान बड़ा हो जाता है। वह कुछ भी कह दे तो लोगों को सुनना पड़ता है। हालांकि सुश्री मलाला की ...

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“कोहबर की शर्त”

सर्वेश तिवारी श्रीमुख पता नहीं क्या आयु थी जब प्रथम बार “नदिया के पार” देखी थी। तब से न जाने कितनी बार देखी, कुछ स्मरण नहीं। हृदय में गूंजा और चंदन कुछ ऐसे बसे हैं जैसे प्रेम करने का अर्थ ही “गुंजा हो जाना” है। परदे पर जब-जब गुंजा ने ...

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“मी टू” आंदोलन ने एक बड़ा ही स्पष्ट संकेत दिया है…

सर्वेश तिवारी श्रीमुख स्त्रियों के विरुद्ध ऐसे अपराध होते रहे हैं, इसे नकारा नहीं जा सकता। कोई स्त्री यदि ऐसे अपराधों के विरुद्ध मुखर होती है, तो उसका समर्थन ही धर्म है, इसमें भी दो मत नहीं होने चाहिए। व्यक्तिगत रूप से मैं उन समस्त स्त्रियों के साथ खड़ा हूँ ...

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खण्डित विग्रह..१ “विजया मन्दिर”

सर्वेश तिवारी श्रीमुख आधुनिक मध्यप्रदेश का जिला विदिशा, किसी युग में यहाँ महान परमार शासकों की कीर्ति का ध्वज लहराता था। वे हीं परमार, जिनका सम्बन्ध ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी के उस महान शासक विक्रमादित्य से जुड़ता है जिनके नाम से विक्रम संवत चलता है, और जिन्होंने अयोध्या में जन्मभूमि ...

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