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उत्‍तर प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी खबर, जल्‍द कम हो सकती हैं ट्रैफिक चालान की दरें

लखनऊ। मोटर व्‍हीकल एक्‍ट 2019 (motor vehicle act 2019) के तहत बढ़ाई गई ट्रैफिक चालान की दरों को बीजेपी शासित गुजरात और उत्‍तराखंड के बाद अब उत्‍तर प्रदेश में भी कम किया जा सकता है. उत्‍तर प्रदेश के लोगों को बढ़ाए गए ट्रैफिक चालान से जल्‍द राहत मिल सकती है. इसे लेकर राज्‍य का परिवहन विभाग संशोधन प्रस्ताव को तैयार कर रहा है. जल्द ही कैबिनेट बैठक में संशोधन प्रस्ताव को पेश की योजना है. अगर मंत्रिमंडल की ओर से इसे मंजूरी मिल गई तो राज्य में जल्‍द ही ट्रैफिक चालान की नई दरें लागू हो जाएंगी.

मोटर व्‍हीकल एक्‍ट 2019 (motor vehicle act 2019) को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है. इस बीच गुजरात के बाद बीजेपी शासित उत्‍तराखंड में भी सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से प्रस्‍तावित ट्रैफिक चालान की राशि को 50 से 75 फीसदी तक कम करने का निर्णय लिया है.

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की सरकार ने नए नियमों में बदलाव करते हुए बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर छूट देते हुए इस राशि को 2500 कर दिया है. केंद्र सरकार ने बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 500 रुपये पड़ने वाले फाइन को बढ़ाकर 5,000 कर दिया था.

इसके अलावा लाइसेंस निरस्त करने के बाद भी वाहन चलाते हुए पाए जाने पर प्रदेश में 10,000 की जगह 5,000 रुपये का ही चालान काटा जाएगा. वहीं, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर पहली बार 1000 रुपये और दूसरी बार 5,000 रुपये का चालान किया जाएगा.

ध्वनि प्रदूषण या वायु प्रदूषण संबंधी मानकों का उल्लंघन करने पर केंद्र ने 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे राज्य सरकार ने प्रथम अपराध के लिए 2,500 रुपये और उसके बाद के लिए 5,000 रुपये कर दिया है. गाड़ी चलाते समय मोबाइल से बात करने पर नया शुल्क 5000 रुपये था, जिसे उत्तराखंड सरकार ने प्रथम अपराध के लिए 1,000 रुपये और उसके बाद के लिए 5,000 रुपये कर दिया है.

इस फैसले पर सरकार को सोचना चाहिए. रावते ने कहा कि, इस मामले में हमने नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा कि, गुजरात (Gujarat) सरकार ने जुर्माना राशि कम करने की घोषणा तो कही है लेकिन अभी अमल में नहीं लाया गया है. वहीं नए मोटर वीइकल ऐक्ट को लेकर गडकरी ने कहा, ‘हम कानून के प्रति लोगों में भय और सम्मान पैदा करने के लिए इसे लागू कर रहे हैं.

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