Tuesday , April 23 2024

इमरान खान ने आतंकवाद को सही ठहराया, भारत का UN में पाकिस्‍तान को जवाब

न्‍यूयॉर्क। UN में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने राइट टू रिप्‍लाई प्रावधान का इस्‍तेमाल करते हुए पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के भड़काऊ भाषण पर जवाब दिया. उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान ने यूएन में आतंकवाद को सही ठहराया. पाकिस्‍तान ने दुनिया के सबसे बड़े मंच का दुरुपयोग किया. पाकिस्‍तान ऐसा मुल्‍क है जो आतंकवादियों को पेंशन देता है. वहां पर 130 आतंकवादियों को पेंशन दी जाती है. इमरान खान का भाषण नफरत से भरा हुआ था. पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार हो रहा है. अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार करने वाला मुल्‍क मानवाधिकारों की बातें कर रहा है.

राइट टू रिकाल के तहत जब सभी आमंत्रित सदस्‍य तयशुदा कार्यक्रम के अंतर्गत अपनी बात रख लेते हैं तो किसी के भाषण के खिलाफ आपत्ति उठाने वाले को जवाब देने का मौका दिया जाता है. इसी को राइट टू रिकाल कहा जाता है. भारत इसी प्रावधान का इस्‍तेमाल करते हुए पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया और उसकी नीतियों और झूठ को दुनिया के समक्ष बेनकाब किया.

उल्‍लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कश्मीर से कर्फ्यू हटने के बाद वहां काफी खून-खराबा होगा. इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अपने संबोधन में दुनिया को शांति का संदेश दिया.

इमरान ने परमाणु युद्ध की धमकी देते हुए कहा, “मैं सोचता हूं कि मैं कश्मीर में होता और 55 दिनों से बंद होता, तो मैं भी बंदूक उठा लेता. आप ऐसा करके लोगों को कट्टर बना रहे हैं. मैं फिर कहना चाहता हूं कि यह बहुत मुश्किल समय है. इससे पहले कि परमाणु युद्ध हो, संयुक्त राष्ट्र की कुछ करने की जिम्मेदारी है. हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं. अगर दो देशों के बीच युद्ध हुआ तो कुछ भी हो सकता है.”

उन्होंने कहा, “कश्मीर में लोगों को जानवरों की तरह क्यों बंद कर दिया गया है. वे इंसान हैं. कर्फ्यू उठ जाएगा तो क्या होगा. तब मोदी क्या करेंगे. उन्हें लगता है कि कश्मीर के लोग इस स्थिति को स्वीकार कर लेंगे? कर्फ्यू उठने के बाद कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी, लोग बाहर आएंगे. क्या मोदी ने सोचा कि तब क्या होगा?”

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इसके अलावा इस्लामोफोबिया का भी मुद्दा उठाया.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch