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सपा सांसद शफीकुर्रहमान के ख़िलाफ़ मामला दर्ज, 3000 दंगाई हिरासत में: योगी सरकार की सख़्त कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन और सोशल मीडिया के माध्यम से अफ़वाह फैलाने वाले अराजक तत्वों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। किसी भी तरह की अफ़वाह को रोकने के लिए राज्य के 20 ज़िलों में मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है। वहीं, संभल क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के सासंद शफीकुर्रहमान के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया गया है।

गुरुवार (19 दिसंबर) को उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने उग्र होते हुए 2 सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शन हिंसक होने के बाद संभल ज़िला कलेक्टर ने अगले आदेश तक ज़िले की मोबाइल सेवाएँ बंद कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, एसपी जिलाध्यक्ष फ़िरोज़ ख़ान, स्थानीय पार्षद के पति हाजी मोहम्मद शकील और मुशील ख़ान समेत 17 को नामज़द करते हुए सैकड़ों लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। यहाँ रोडवेज की तरफ़ से भी भीड़ के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया।

ANI UP

@ANINewsUP

Sambhal: An FIR has been registered against 17 people including Samajwadi Party leaders, MP Shafiqur Rahman Barq and Feroz Khan in connection with violence on December 19.

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बता दें कि राजधानी लखनऊ में गुरुवार (19 दिसंबर) को हुई हिंसा में एक शख़्स की मौत हो गई थी, साथ ही 16 पुलिसकर्मी समेत 30 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने सात FIR भी दर्ज की है और कार्रवाई करते हुए 31 लोगों को गिरफ़्तार भी कर लिया गया। इसके अलावा, 112 लोगों को हिरासत में लेने के साथ-साथ कानपुर में सुरक्षा के मद्देनज़र 100 लोग हिरासत में लिए गए हैं।

इसके अलावा, 3000 अराजक तत्वों को हिरासत में ले लिया गया है। इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक सम्पत्ति को नुक़सान पहुँचाने वालों को सख़्त संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि सार्वजानिक सम्पत्ति को नुक़सान पहुँचाने वालों की सम्पत्ति बेच कर इसकी भरपाई की जाएगी। उपद्रवियों की सम्पत्ति को नीलाम करके जो पैसे आएँगे, उससे उनके द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को पहुँचाई गई क्षति की भरपाई होगी।

यूपी के मेरठ में भी हिंसा भड़काने वाले दंगाईयो के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की गई। मेरठ में खैरनगर के पार्षद समेत नौ लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा, तीन लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया। शांतिभंग मामले में शामली में नौ दंगाईयों को हिरासत में लिया गया और नौ दंगाईयों को गिरफ़्तार किया गया।

ख़बर के अनुसार, गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के क़रीब 34 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया। इस बीच पुलिस और सपा कार्यकर्ताओं के मध्य आपसी झड़प भी हुई, जिसके चलते पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन पर अड़े सपा ज़िलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया। देवरिया में क़रीब 400 उद्रवियों को हिरासत में लिए जाने की ख़बर है।

उधर, मुज़्फ़्फरनगर में विरोध-प्रदर्शनों के चलते इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई। एसपी सिटी ने लगभग 150 सपाइयों को गिरफ़्तार कर डीएवी डिग्री कॉलेज में बंद किया। वाराणसी में भी तीखी नोंकझोंक की ख़बरें सामने आईं। पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ 69 लोगों को गिरफ़्तार कर उन्हें जेल भेज दिया।

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