Wednesday , April 24 2024

सुलेमानी को दफनाने से पहले ही ईरान ने दिखाया दम, अमेरिका से बदला शुरू

US दूतावास और बलाद एयरबेस पर ईरान ने दागे रॉकेट

मस्जिद पर लाल झंडा फहराकर दिए जंग के संकेत

नई दिल्ली/ईरान। ईरान के जनरल क़ासिम सुलेमानी के खात्मे के बाद से भी ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. बीती देर रात बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर ताबड़तोड़ राकेट दागे गए, ना सिर्फ दूतावास बल्कि अमेरिकी फौजी बेस पर भी हमला किया गया. इस हमले में किसी के मारे जाने की खबर नहीं है लेकिन इसे कासिम सुलेमानी पर हमले से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि आधिकारिक रूप से इस हमले की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है.

सच साबित हुई खोमैनी की धमकी

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी के सबसे खास जनरल क़ासिम सुलेमानी की मौत के बाद जिसका अंदेशा था ठीक वैसा ही हुआ. इराक में अमेरिकी दूतावास धमाके से दहल उठा. आधी रात से ठीक पहले बगदाद के अमेरिकी दूतावास के भीतर रॉकेट दागे गए. रॉकेट अमेरिकी दूतावास के अंदर फटा, इलाके में अफरातफरी देखी गई. धमाके की आवाज से भगदड़ मच गई. हमला होते ही अमेरिकी फौज हरकत में आ गई और बगदाद के ऊपर अमेरिकी हेलिकॉप्टर गश्त करने लगे. बगदाद के ग्रीन जोन में अमेरिकी फौज के बेस पर रॉकेट हमले किए गए. यह ग्रीन जोन अति सुरक्षित जगह है जहां अमेरिकी दूतावास है. एक रॉकेट ग्रीन जोन के अंदर गिरा जबकि दूसरा दूतावास के बिल्कुल करीब फटा.

अति सुरक्षित दूतावास पर हमला

अमेरिकी सुरक्षा कवच से लैस इस इलाके में अमेरिका का दूतावास तो है ही, इसके साथ ही तमाम सरकारी इमारतें हैं. सुरक्षा के लिहाज से ये इलाका अभेद दुर्ग से कम नहीं है लेकिन यहां भी हमलावर रॉकेट दागने में कामयाब रहे. सिर्फ अमेरिकी दूतावास ही नहीं बगदाद से करीब 80 किलोमीटर दूर बलाद एयरफोर्स बेस पर भी दो रॉकेट दागे गए. यह अमेरिकी सुरक्षा बलों का सैन्य ठिकाना है. सुरक्षाबलों ने दावा किया है कि इन दोनों हमलों में कोई नुकसान नहीं हुआ है और हमलावरों का निशाना खाली गया.

बगदाद में इमरजेंसी

इराक ने हमले के बाद बगदाद के आसपास इमरजेंसी लगा दी गई है. अमेरिकी ड्रोन रॉकेट हमले की सबूत तलाश रहे हैं. पर अति सुरक्षित ग्रीन जोन समेत अमेरिकी एयरबेस पर हमले से ये साफ हो गया है कि हमलावर हर कोई मौका नहीं छोड़ने वाले. हालांकि ईरान से तनातनी के बीच अमेरिका ने मध्यपूर्व में अपनी फौज की तैनाती बढ़ा दी है. कुवैत के सलेम एयरबेस में 3000 से ज्यादा अमेरिकी जवानों की तैनाती की गई है. सूत्रों के मुताबिक पिछले साल मई से लेकर अबतक 14 हजार अतिरिक्त सैनिकों को इस इलाके में भेजा गया है.

अमेरिकी फौज को खतरा

इस रॉकेट हमले को ईरान समर्थित लड़ाकों (मिलिशिया) से जोड़ कर देखा जा रहा है जो इराक में मौजूद हैं. रॉकेट हमले के तुरंत बाद अमेरिकी कंपाउंड में तेज आवाज में साइरन बजने लगे. बता दें, बगदाद में अमेरिकी दूतावास है और पूरे इराक में इस वक्त तकरीबन 5200 अमेरिकी फौज तैनात है. कमांडर सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका और ईरान में तनातनी तेज हो गई है और पश्चिम एशिया (मध्य पूर्व) में जहां-जहां अमेरिकी फौज का ठिकाना है, वहां खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. हाल के महीनों में भी अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट हमले देखे गए.

अमेरिका ने इसका आरोप ईरान और उसके सहयोगी देश इराक पर मढ़ा और अंजाम भुगतने की धमकी दी. पिछले महीने उत्तरी इराक में एक रॉकेट हमला हुआ जिसमें एक अमेरिकी ठेकेदार की मौत हो गई. इसके जवाब में अमेरिका ने एयर स्ट्राइक कर 25 लड़ाकों को मार डाला जो ईरान के समर्थन में हमले को अंजाम दे रहे थे.

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