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भारत में हमले का बड़ा प्लान: 40 रोहिंग्या मुसलमानों का दस्ता, पाकिस्तान दे रहा ट्रेनिंग

नई दिल्ली। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने की फिराक में है। इसके लिए उसने रोहिंग्या मुसलमानों का दस्ता तैयार किया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस बाबत सेना और अर्ध सैनिक बलों को अलर्ट किया है।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, भारत पर हमले के लिए आईएसआई करीब 40 रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में ट्रेनिंग दे रही है। इसमें बांग्लादेशी आंतकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) आईएसआई की मदद कर रहा है। खुफिया एजेंसी की जानकारी के बाद सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है।

खुफिया एजेंसियों ने कहा, “पाकिस्तान पड़ोसी बांग्लादेश की सीमा से भारत के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र रच रहा है। बांग्लादेशी आतंकी संगठन जेएमबी को आईएसआई धन मुहैया करा रही है। आईएसआई बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रहने वाले 40 रोहिंग्याओं को आतंकी ट्रेनिंग दे रही है।”

एजेंसी ने बताया है कि जेएमबी को धन सऊदी अरब और मलेशिया के जरिए मुहैया कराया जा रहा है और पहली किस्त के रूप में जेएमबी को एक करोड़ टका उपलब्ध कराए गए हैं। खुफिया एजेंसियों ने इसकी सूचना राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के साथ भी शेयर किया है।

दरअसल, पाकिस्तान एलओसी पर भारतीय सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते आतंकियों की घाटी में घुसपैठ कराने में नाकाम रहा। ऐसे में उसने भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश को चुना है। इसी कड़ी अब भारत में आतंकी हमला करने के लिए पाकिस्तान रोहिंग्या मुसलमानों को तैयार कर रहा है।

पिछले साल एनआइए प्रमुख वाईसी मोदी ने कहा था कि जेएमबी पूरे भारत में अपना जाल फैलाना चाह रहा है। इसको लेकर 125 संदिग्धों की सूची विभिन्न राज्यों के साथ साझा की गई है। इनके जमात-उल-मुजाहिदीन के नेृतत्व से करीबी रिश्ते हैं।

एनआईए चीफ मोदी के मुताबिक, जेएमबी ने झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में अपनी गतिविधियाँ तेज की हैं। इस आतंकी संगठन ने 2014 से 2018 यानी 4 साल के भीतर अकेले बेंगलुरु में 20-22 ठिकाने बनाए और इसे दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों तक फैलाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि जेएमबी ने कर्नाटक सीमा पर कृष्णागिरी की पहाड़ियों में रॉकेट लॉन्चर तक टेस्ट किए हैं। जेएमबी ने भारत में 2007 में अपनी गतिविधियाँ शुरू कीं। शुरुआत में पश्चिम बंगाल और असम को अपना ठिकाना बनाया और फिर देश के अन्य राज्यों में पहुँचा।

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