नई दिल्ली। Russia on Kashmir issue called by China in UNSC कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन द्वारा उठाए जाने पर रूस ने भारत के रुख का समर्थन किया है। रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव Nikolay Kudashev ने शुक्रवार को चीन और पाकिस्तान को आइना दिखाते हुए दो टूक कहा कि यह एक द्विपक्षीय मसला है। उन्होंने कहा कि जहां तक UNSC के भीतर चर्चा का सवाल है तो रूस इस मसले को संयुक्त राष्ट्र के अजेंडे में लाने के पक्ष में कभी नहीं रहा है। शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है।
भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव Nikolay Kudashev ने कश्मीर मसले को चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने की कोशिशों पर कहा कि हम इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के अजेंडे में लाने के पक्ष में नहीं रहे हैं। विदेशी दूतों के कश्मीर दौरे पर उन्होंने कहा कि यह आपका फैसला है। इस बारे में निर्णय लिया जाना आपका अंदरूनी मामला है जो भारत के संविधान से जुड़ा है। जहां तक मेरे कश्मीर जाने का सवाल है तो मैं समझता हूं कि मेरे वहां जाने की कोई वजह नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार को कश्मीर मुद्दे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC में ले जाने की चीन और पाकिस्तान की कोशिश एकबार फिर नाकाम हो गई। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के सहयोगी चीन ने इस इनडोर बैठक के लिए दवाब बनाया। इस पर अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस ने चीन के अरमानों पर पानी फेर दिया। इन देशों ने इस मसले पर जारी सभी विवादों को भारत और पाकिस्तान को ही द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाने को कहा। बता दें कि अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं।
इससे पहले भी पाकिस्तान अपने मित्र चीन की मदद से ऐसी कोशिशें कर चुका है। पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। तब चीन ने इस मसले पर यूएनएससी की इनडोर बैठक बुलाई थी। तब भी चीन और पाकिस्तान को कुछ भी हासिल नहीं हुआ था क्योंकि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इसे भारत का आंतरिक मसला करार देते हुए कोई भी कार्रवाई से इनकार कर दिया था। पिछले साल दिसंबर में भी चीन ने ऐसी बैठक की गुजारिश की थी लेकिन तब भी बैठक नहीं हुई थी।