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‘…अब तो मैं जिंदा घर नहीं जा पाऊँगी’ – शाहीन बाग से जान बचाकर भागी लड़की की आपबीती

दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले एक महीने से नागरिकता संशोधन कानून(CAA) और ‘अदृश्य’ राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनकारी सड़क छोड़कर हटने को तैयार नहीं है। पुलिस इस तथाकथित धरना को खत्म करने की अपील कर रही है, लेकिन ये लोग हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाया है कि वो लोग यहाँ पिकनिक मना रहे हैं।

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जो इन ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों’ से जान बचा कर भाग कर आई एक लड़की की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में जो लड़की दिख रही है, उनका नाम डॉ दीपा शर्मा है। दीपा जयपुर की रहने वाली हैं और पेशे से डॉक्टर हैं। दीपा ने खुद ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए आपबीती बयाँ की है। उन्होंने बताया कि वो जयपुर ऑफिस जा रही थीं, लेकिन फिर वो शाहीन बाग में CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखकर रुक गईं। उन्होंने सोचा कि वो खुद जाकर देखेंगी कि विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहा है। वो लोगों से सीधा बात करेंगी।

डॉक्टर दीपा ने आगे बताया कि वो उनके विचार जानना चाहती थीं और साथ ही ये भी जानना चाहती थीं कि अखबारों में जो दिखाया जा रहा है कि वहाँ पर पीसफुल प्रोटेस्ट हो रहा है, उसकी सच्चाई कितनी है। वो प्रदर्शनकारियों की आवाज लोगों तक पहुँचाना चाहतीं थीं, लेकिन उन्हें खुद ही वहाँ से जान बचाकर भाग निकलना पड़ा।

उन्होंने आपबीती बयाँ करते हुए उन्होंने कहा, “मैं मेट्रो लेकर वहाँ पहुँची थी। सब लोगों ने मुझे काफी मना किया था कि वहाँ पर नहीं जाना है, वहाँ खतरा है। फिर भी मैंने सोचा कि एक बार जाकर तो देखा जाए… हो सकता है कि लोगों ने अफवाहें फैला रखी हों। मैं वहाँ पर पहुँची और फिर वहाँ पर एक बुजुर्ग से परमिशन लेकर एक वीडियो बनाया। मैंने उनसे पूछा कि वो प्रोटेस्ट क्यों कर रहे हैं? और वो जो भी बात बोलना चाह रहे थे, मैं बस उसे कैप्चर कर रही थी। इसी बीच में वहाँ की भीड़ ने मुझे घेर लिया और बोला कि कौन से चैनल से हो? मैंने कहा कि मैं बस एक स्टूडेंट हूँ और मैं आपकी आवाज जनता तक पहुँचाने के लिए आई हूँ। फिर वो लोग मुझसे कार्ड के बारे में पूछने लगे।”

आगे दीपा ने बताया, “मैंने कहा कि मेरे पास कार्ड नहीं है। तो उन लोगों ने कहा कि तुरंत के तुरंत इस वीडियो डिलीट कर। वरना जाने नहीं देंगे। मैंने कहा कि मैंने कुछ भी नहीं किया है। मैंने बस इनसे पूछकर एक वीडियो बनाया है। मैं अभी-अभी यहाँँ आई हूँ तो उन्होंने कहा कि जब तक वीडियो डिलीट नहीं करोगी, जाने नहीं देंगे। फिर उन्होंने औरतों-लड़कियों को बुला लिया और सभी लड़कों ने आकर मुझे घेर लिया। उस समय मुझे वाकई ऐसा लगा कि आज मेरी जान चली जाएगी, मैं घर पर जिंदा नहीं पहुँच पाऊँगी।”

फिर दीपा कहती हैं, “असल में मैंने वहाँ जाने के बारे में अपने घर पर किसी को भी नहीं बताया था, क्योंकि मुझे पता था कि अगर मैं उन्हें बताऊँगी तो वो लोग मुझे मना करेंगे। इस बीच कुछ लड़कियाँ मुझे कहीं और ले जाने लगीं तो मैंने कहा कि मुझे पता है कि रास्ता किधर है, मैं अपने आप चली जाऊँगी। वे लोग लगातार बोल रहे थे कि वीडियो डिलीट करवाओ, वीडियो डिलीट करवाओ और इस बीच…।” इस डॉक्टर की आपबीती से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन कितना शांतिपूर्ण है।

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