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…..तो मनीष ने कुमार को बता दिया कि हमारे पास राजनीति की ताक़त है और इस ताक़त के आगे बचपन की दोस्ती कि कोई कीमत नहीं

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मतदान के लिये काउंटडाउन शुरु है, लेकिन कुमार विश्वास कहीं नहीं दिख रहे, पिछले कुछ दिनों से लगातार कहा जा रहा था कि कुमार दिल्ली चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएंगे, वो बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हो सकते हैं, बीते सप्ताह तो यहां तक कहा गया कि कुमार विश्वास प्रकाश जावड़ेकर की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता लेंगे, हालांकि कुमार ने इन खबरों को झुठलाया और तंज कसकर आगे बढ गये।

आप में हाशिये पर
कभी आम आदमी पार्टी के सबसे लोकप्रिय चेहरों में शामिल रहे कुमार विश्वास इन दिनों हाशिये पर हैं, पार्टी अब उन्हें ना तो ज्यादा भाव देती है और ना ही वो पार्टी के कार्यक्रमों में दिखते हैं, पार्टी के ऑफिशयली पोस्टर-बैनर से भी कुमार की तस्वीर गायब रहती है, अब कुमार ने पहली बार इस पर चुप्पी तोड़ी है, उन्होने बताया कि कैसे 40 साल की दोस्ती खत्म हो गई।मनीष बचपन के दोस्त
कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया की दोस्ती जगजाहिर है, दोनों पहली कक्षा से साथ पढे हैं, कुमार ने एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में बिना नाम लिये बताया कि हमने रिश्तों को बिकते देखा है, अपने फायदे-नुकसान के लिये रिश्तो को टूटते-बनते देखा है।क्या कहा कुमार ने
रॉकस्टार कवि ने बताया कि मेरी मैरिज एनिवर्सरी थी 23 दिसंबर को, और जैसा कि तरुण बता रहा है कि ऐसे मौकों पर हम बचपन के दोस्त इक्ट्ठा होते हैं, तब भी मेरे एक बचपन के दोस्त सपत्नी आये, वो अकेला ही था, या दूसरे जा चुके थे, हम खाना खा रहे थे, तो मैंने पूछा ये यार ये झगड़ा हो क्यों रहा है हममें, पहले तो नहीं होता था, आंदोलन में, या पहली बार सरकार में, अभी ऐसा क्यों हो रहा है कि हमारे विचार अलग-अलग होने लगे हैं। और इतना बढने लगा है कि बर्दाश्त नहीं करेंगे, तो उसने कहा तू बता क्यों होने लगा है, तो मैंने उससे मोबाइल उठाकर कहा कि अब तुम दोनों के पास ताकत है, और कोई चीज उठाकर कह रहे हो, कि अब मेरे पास ताकत है, नहीं दूंगा, तो वो खाना खाते-खाते कहा, यही समझ लें, तभी मेरी पत्नी का चम्मच बीच में ही रुक गया, उन्होने कहा पर भैया ताकत तो सदा नहीं रहती। तो उसने कहा पर भाभी जी अभी तो है। मेरी पत्नी ने आगे बोलने की कोशिश की, तो मैंने उनसे कहा शांत अब कोई बात नहीं खाना खाओ बहुत सही कह रहे हो तुम, फिर मैं बाहर निकला उन्हें विदा करने के लिये तो मैंने अपने पत्नी से कहा, ये हमारी आखिरी मुलाकात थी। कुमार ने कहा कि अगर रिश्ते का सौदा करके किसी दूसरी पार्टी में जाकर कुछ कर भी लिया जाए, तो वो साहिर का है ना ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
(नोट- वीडियो – 59.00 से देखना शुरु करें, इस बात का जिक्र यही है)

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