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CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई अखिलेश यादव की बेटी? सपा ने दी सफाई

लखनऊ। देशभर में नागरिकता कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी है, पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग और लखनऊ का विरोध प्रदर्शन सुर्खियों में है,  समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की बेटी टीना यादव ने भी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव की बड़ी बेटी टीना की किसी लड़की के साथ तस्वीर पोस्ट की गई, साथ ही दावा किया गया कि पूर्व सीएम की बेटी ने भी नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यूपी के एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ के घंटा घर पर सपा अध्यक्ष की बेटी अपने दोस्तों के साथ पहुंची थी, घंटा घर पर बीते कुछ दिनों से महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।

सपा ने जारी किया बयान
अब समाजवादी पार्टी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है, सपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेटी के धरने पर बैठने से इंकार किया गया है, सपा ने वायरल तस्वीर पर कहा कि टीना यादव घंटा घर के पास घूमने गई थी, इसी दौरान किसी ने उनके साथ सेल्फी ले ली, यही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।मालूम हो कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं, कुछ दिनों पहले उन्होने ट्विटर पर लिखा था, नागरिकता कानून सात सवाल का जनमत कराने से पहले खुद से बस एक साधारण सा सवाल करें, जो देश के अधिकांश नागरिकों के दिमाग में है, वो ये है कि जब ये सरकार अपने ही देश के नागरिकों की समस्याएं नहीं सुलझा पा रही है, तो उसे आखिर नागरिकता संशोधन कानून को लाने की जरुरत ही क्या है।

भ्रष्टाचार व्याप्त

अखिलेश यादव ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर ये भी कहा कि जब सामान्य रुप से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिये इतना भ्रष्टाचार व्याप्त है, तो तब क्या होगा, जब एनपीआर-एनआरसी में गरीब-बेबस जनता को प्रमाण पत्रों के लिये बीजेपी सरकार को पैसा देना होगा, एनपीआर-एनआरसी भाजपाई भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा साबित होंगे।

नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के बाद लखनऊ में महिलाओं का धरना चरम पर है। लखनऊ के घंटाघर में प्रदर्शन कर रही महिलाओं में 159 के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद भी यह लोग घंटाघर पर डटी हैं। वहां पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बेटी टीना यादव भी पहुंची थीं। दोपहर में ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर भी पहुंची थी। वहीं शाम को घंटाघर पर बड़ी संख्या में वकीलों का जत्था भी घंटाघर पहुंचा। उन्होंने संविधान बचाने की शपथ ली, साथ में सीएए और एनआरसी का विरोध भी किया।

नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के बाद लखनऊ में महिलाओं का धरना चरम पर है। लखनऊ के घंटाघर में प्रदर्शन कर रही महिलाओं में 159 के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद भी यह लोग घंटाघर पर डटी हैं। वहां पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बेटी टीना यादव भी पहुंची थीं। उनका फोटो भी वायरल हो रहा है। इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर भी वहां पहुंचीं। उन्होंने कहा कि सरकार अगर घुसपैठियों की जांच करेगी तो सुरक्षा एजेंसी इसकी जांच करे। जो कानून बनाया गया है उसमें मुसलमानों के साथ भेदभाव क्यों किया गया है, क्या हम यहां के वोटर्स नहीं हैं।

शाइस्ता अंबर ने कहा कि सीएए के कानून में कहा गया हम घुसपैठियों की जांच करेंगे। फिर इसके बाद बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई को नागरिकता देंगे। इसमें मुसलमान नहीं होंगे, उनके पहले हम सारे कागजात चैक करेंगे फिर हम उन्हें नागरिकता देंगे। ये बात हमें इसलिए लगी क्योंकि, नागरिकता की बात है तो हम सबने जो अब तक वोट दिया वो क्या था। जांच एजेंसियां जांच करें तो बेशक घुसपैठियों की जांच करें। हम भारतीय नहीं चाहते हैं कि घुसपैठिए आएं। आप कह रहे हैं बाहर से माइनरॉटी को नागरिकता देंगे, जो देश में हैं उनके साथ भेदभाव नहीं होगा। पड़ोसी देशों के नागरिकों के लिए यूएनओ के संसद में आवाज उठाइए। देश में बेरोजगारी, शिक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, कॉरपोरेट सेक्टर हम पर हावी हो रहे हैं। उन पर कुछ क्यों नहीं हो रहा है। ये सरकार बता दे कि मुस्लिम को क्यों अलग किया, हम देश के वोटर्स थे। एनआरसी की जरूरत क्या है।

हमें अमित शाह से संवाद करना था, लेकिन हमें हाउस अरेस्ट कर लिया गया : पूजा शुक्ला 

धरने में शामिल पूजा शुक्ला ने कहा कि सुबह जब हम घर फ्रेश होने गए, तो वहां पता चला कि कुछ लोग सिविल ड्रेस में हमें तलाश कर रहे हैं, लेकिन उस पर मैंने ध्यान नहीं दिया। हमें आज घंटाघर जाना था और अमित शाह जो लखनऊ आ रहे थे उनसे हमारा सवाल था कि आप आइए हम आपसे बात करना चाहते हैं। हम संवाद करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हमें रोक लिया। उन्होंने कहा कि हम आपको कहीं जाने नहीं देंगे। उनसे हमने साफ कहा था कि हम घंटाघर के प्रोटेस्ट में जाना चाहते हैं। हम कोई काला झंडा नहीं दिखाएंगे, लेकिन उन्होंने हमें जाने नहीं दिया। हमने उनसे आदेश की कॉपी मांगी, लेकिन उन्होंने हमें कोई कॉपी नहीं दिखाई। हम ये जान चुके हैं कि सरकार को छात्रों, नौजवानों से डर है। जैसे ही रैली खत्म होती है पुलिस फोर्स वापस चली जाती है तो हम इसे क्या समझें। जब मैं नहीं पहुंची थी तो मुझे पता चला था कि पुलिस फोर्स ने मेरे पिताजी से बोला था इसे समझा लो ये क्या करती रहती है ऊंटपटांग उन्हें डराया गया। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता वो कहां है शायद प्रोटेस्ट में गई है। मैं अपने रिश्तेदारों के घर गई तो वहां भी पुलिस पहुंच गई और उन्होंने मुझे अरेस्ट कर लिया।

लखनऊ में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष जनसभा थी, इसके बाद भी यहां पर महिलाओं का जोरदार विरोध जारी है। इसके खिलाफ सोमवार रात को मुकदमा भी दर्ज कराया गया है, इसके बाद भी इनका धरना-प्रदर्शन जारी है। तीन मुकदमों में 150 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटियों सुमैया राणा और फोजिया राणा के खिलाफ भी एफआईआर लिखी गई।

इनके अलावा पुलिस की एफआईआर में सैकड़ों अज्ञात लोगों का जिक्र है। पुलिस की कार्रवाई पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम कोर्ट जाएंगे। लखनऊ पुलिस ने धारा 147 के उल्लंघन को लेकर 18 नामजद लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। लखनऊ में महिलाएं 17 जनवरी से ही घंटा घर के नीचे नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं।

इसके बाद भी मंगलवार सुबह घंटा घर पर महिलाओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने सीएए कानून को वापस लेने की मांग की। सीएए और एनआरसी के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन शुक्रवार को शुरू हुआ था। बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ स्थित घंटाघर के सामने प्रदर्शन कर रही हैं। उनके साथ बच्चे भी हैं। इन महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है, तब तक वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगी।

 

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