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उसैन बोल्ट को ‘हराने वाले’ गौड़ा बोले- मुझसे ज्यादा भैंस और मालिक का योगदान

बेंगलुरू।भैंसा दौड़ में अपनी स्पीड से फर्राटा चैंपियन उसैन बोल्ट को भी पीछे छोड़ने वाले कर्नाटक के श्रीनिवास गौड़ा ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इतना तेज दौड़ेंगे. उनका कहना है कि इस रिकॉर्ड के पीछे भैंस और उसके मालिकों का बड़ा योगदान है.

श्रीनिवास गौड़ा ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतना तेज दौड़ूंगा. इसमें सबसे बड़ा योगदान भैंस और उसके मालिकों का है. उन्होंने उसका अच्छे से ख्याल रखा. भैंस इससे भी तेज दौड़ सकते हैं.’ गौड़ा को इस उपलब्धि पर राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उन्हें सम्मानित भी किया.

gowda-award-755_021720084448.jpgश्रीनिवास गौड़ा को सम्मानित करते मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 

बोल्ट से आगे निकल गए गौड़ा!

कर्नाटक के रहने वाले श्रीनिवास गौड़ा ने पिछले दिनों भैंसा दौड़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड बनाया था. 28 साल के श्रीनिवास गौड़ा ने पारंपरिक खेल कंबाला में 142.5 मीटर की दूरी महज 13.62 सेकंड में पूरी की थी.

इसका मतलब हुआ कि उसने 100 मीटर की दूरी सिर्फ और सिर्फ 9.55 सेकंड में पूरी की. जबकि विश्व प्रसिद्ध एथलीट उसैन बोल्ट ने 100 मीटर दौड़ 9.58 सेकेंड में पूरा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. दावा किया जा रहा है कि श्रीनिवास ने बोल्ट के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. गौड़ा ने बोल्ट से 0.03 सेकंड कम समय में 100 मीटर की दूरी पूरी की.

इस बीच दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट से भी तेज तोड़ने का दावा करने वाले श्रीनिवास गौड़ा के टैलेंट का टेस्ट जल्द हो सकता है. खेल मंत्रालय के आदेश पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) के कोच उनके दौड़ने की क्षमता की जांच करेंगे.

राज्य से संस्कृति मंत्री सीटी रवि ने कहा कि हम उनकी ट्रेनिंग को लेकर सुविधा मुहैया कराने को तैयार हैं. एसएआई के साथ योग्यता टेस्ट के बाद हम उनकी ट्रेनिंग में मदद करेंगे. 10 मार्च तक वह बिजी हैं. हो सकता है कि यह मौका उसी के बाद आए और वह योग्यता टेस्ट दे.

गौड़ा पर काफी काम करने की जरूरतः SAI

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) के सीनियर डायरेक्टर कैप्टन अजय कुमार बहल ने कहा कि पहले उन्हें हमारे पास आने की जरूरत है क्योंकि वह एक क्षेत्र विशेष के एक ग्रामीण खेल का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि यदि हम उसे राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाना चाहते हैं, तो इस तरह के ट्रैक बनाने के अलावा बेसिक्स पर काफी काम करना होगा.

अधिकारी ने कहा कि वह अभी भी जूते पहनते हैं, और स्पाइक्स से काफी दूर हैं. ट्रैक पर दौड़ना अलग होता है जबकि मैदान पर दौड़ना अलग होता है. फिलहाल उसने दिखा दिया कि वह बेहद टैलेंटेड है.

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) के अधिकारी ने कहा कि हमें उस पर काफी काम करने की जरूरत है. हमें उसके पोषण, पूरक आहार, उसकी डाइट, बॉयोमैकेनिक्स, फिजियोलॉजी, खेल विज्ञान विभाग में उसके साथ काफी काम करना पड़ेगा और तभी हमें पता चलेगा कि आखिर वह कहां ठहरता है?

रिकॉर्ड तोड़े जाने की बात पर उन्होंने कहा कि अगर वह रिकॉर्ड तोड़ पाने में कामयाब होता है तो हमसे ज्यादा खुश कौन होगा.

उन्होंने कहा कि हम आज ही टेस्ट के लिए तैयार थे, लेकिन उन्हें अभी कुछ और दौड़ लगाने हैं, इसलिए जब भी वह आएंगे, हम तैयार हैं.

इस बीच कांबला एकेडमी के अध्यक्ष प्रोफेसर के गुनापाला कादम्बा ने कहा कि हम धावकों के लिए हर तरह की पेशेवर ट्रेनिंग की सुविधा मुहैया करवाते हैं. हम यहां श्रीनिवास गौड़ा की तुलना उसैन बोल्ट से नहीं कर रहे हैं. अगर कल को बोल्ट कांबला में दौड़ में हिस्सा लेते हैं तो वह श्रीनिवास गौड़ा की तरह नहीं होंगे. गौड़ा ने 142 मीटर ट्रैक को महज 13.62 सेकेंड में पूरा किया था.

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