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वारिस पठान को देवेंद्र फडणवीस ने दिया करारा जवाब, बोले- हिंदू सहिष्णु हैं लेकिन…

नागपुर। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को AIMIM नेता वारिस पठान को करारा जवाब दिया. फडणवीस ने पठान के उस भड़काऊ बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि भले ही देश में मुस्लिमों की आबादी 15 करोड़ हो लेकिन वे अभी-अभी 100 करोड़ से ऊपर हिंदुओं पर दबदबा रखते हैं. फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि हिंदू सहिष्णु हैं लेकिन उनकी सहिष्णुता को वारिस पठान कमजोरी समझने की भूल न करें.

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “देश में 100 करोड़ हिंदू हैं इसलिए उन्हें (वारिस पठान को) बोलने का अधिकार है. किसी मुस्लिम देश में ऐसा बयान देते तो उनकी क्या स्थिति होती. वारिस पठान सभी हिंदूओं से माफी मांगे. महाराष्ट्र सरकार को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए.” फडणवीस ने कहा, “हम वारिस पठान के बयान की निंदा करते हैं और उनसे माफी की मांग करते हैं, अगर वह माफी नहीं मागते तो राज्य सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.”

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी वारिस पठान के बयान के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. पात्रा का कहना है कि नागरिकता के विरोध में पूरे देश में ओवैसी की पार्टी नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. संबित पात्रा ने नफरत की राजनीति का आरोप लगाते हुए असदुद्दीन ओवैसी को भी कठघरे में खड़ा किया. पात्रा ने पूछा कि आखिर जब वारिस पठान बोल रहे थे तो ओवैसी मंच पर बैठे थे लेकिन उन्होंने वारिस पठान से माइक क्यों नहीं छीन लिया. AIMIM नेता वारिस पठान को शिवसेना ने भी जवाब दिया है. पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि पठान की ओर से दोबारा ऐसा बयान दिया गया तो पार्टी जवाब देने को तैयार है.

विवाद के बाद वारिस पठान ने दी सफाई
विवाद बढ़ने पर AIMIM नेता वारिस पठान ने अपने भड़काऊ बयान पर सफाई दी है. हालांकि उन्होंने माफी नहीं मांगी है. पठान ने दलील दी कि उनके बयान को मीडिया में गलत तरीके से लिया गया है. शुक्रवार को वारिस पठान ने अपने एक ट्वीट में कहा, “मैं बताना चाहता हूं कि पांच दिन पहले गुलबर्गा में जनसभा में दिए गए मेरे बयान को मीडिया गलत तरीके से चला रहा है. मैं फिर से दोहराना चाहता हूं कि मैं जानबूझकर या अंजाने में कुछ भी ऐसा नहीं कह सकता हूं, जिससे किसी जाति, समुदाय या लिंग की भावना आहत होती हो. मुझे भारतीय होने पर गर्व है और मैं इस देश की बहुलता का सम्मान करता हूं. हालांकि मैं भी उन दूसरे भारतीय की तरह गुस्से में हूं, जो इस देश के संविधान में विश्वास करते हैं.”

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