Friday , November 22 2024

अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, ‘शरीर के हर हिस्से पर मारे गए चाकू’

नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मारे इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अंकित के शरीर पर चाकुओं के अनगिनत निशान थे. डॉक्टरों के मुताबिक अंकित के शरीर के हर हिस्से पर चाकू मारे गए थे. यहां तक की उसकी आंतों तक को निकाल लिया गया था. अंकित का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक किसी के शरीर में इतने ज़ख्म उन्होंने कभी नहीं देखे. अंकित की हत्या बहुत ही बेरहमी से की गई थी. उपद्रवियों ने अंकित शर्मा की हत्याकर उनका शव चांदबाग नाले में फेंक दिया था.

पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंकित का अंतिम संस्कार
आईबी कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा का उनके पैतृक गांव इटावा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर गुरुवार शाम को घर पहुंचा. जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए. इसके बाद पार्थिव शरीर को सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से विदा किया. उनकी अर्थी को कंधा देने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. केंद्रीय मंत्री, डीएम, एसएसपी समेत तमाम आला अधिकारियों ने उन्हें सलामी दी. भाई अंकुर शर्मा ने अंकित शर्मा के पार्थिव देह को मुखाग्नि दी.

अर्थी ले जाते हुए लोगों ने CAA और NRC के पक्ष में नारेबाजी की. इतना ही नहीं नम आंखों के साथ ग्रामीण भारत माता की जय के नारे भी लगा रहे थे. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान व भारी पुलिस बल अंतिम यात्रा में शामिल हुआ.

शहीद अंकित शर्मा मुजफ्फरनगर के बुढाना थाना क्षेत्र के इटावा गांव के रहने वाले थे. एडीएम अमित कुमार ने जानकारी दी कि अंकित शर्मा दिल्ली आईबी में कार्यरत थे. अंकित मंगलवार शाम से लापता थे, उसके पिता रविंदर शर्मा भी आईबी में कार्यरत हैं.

अंकित शर्मा के परिवार में मातम का माहौल है. बेटे के जाने की खबर सुनकर अंकित की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. बेटे की मौत से बेहद दुखी मां ने कहा कि उन्होंने अंकित को घर में ही रुकने के लिए कहा था. मां ने चाय पीने के लिए अंकित को रोकना चाहा लेकिन वह दूसरों को बचाने बाहर चला गए. मां के मुताबिक, उपद्रवियों ने उनके बेटे को घसीटा और मार डाला.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch