नई दिल्ली। कोरोना वायरस (CoronaVirus) से जंग में केंद्र सरकार और PM मोदी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय के साथ-साथ मंत्री स्तर पर मॉनीटरिंग भी की जा रही है. आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो और राज्यों में कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए सभी कैबिनेट मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है.
राज्यों से ग्राउंड फीडबैक लेने के लिए सभी कैबिनेट मंत्रियों को राज्य का प्रभारी बनाया गया है. इन मंत्रियों को राज्य के हर जिले के डीएम और अन्य उच्च अधिकारियों से रोज बात करके फीडबैक लेने को कहा गया है. ये मंत्री उनसे गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाईंस के क्रियान्वयन में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही, उसकी जानकारी ले रहे हैं. इसके अलावा इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि समस्याओं के लिए केंद्र कैसे मदद कर सकता है.
मंत्रियों द्वारा इस बात की भी जानकारी ली जा रही है कि बाहर से कितने लोग अपने जिले में वापस आए हैं. जिले में कितने कोरोना पॉजिटिव हैं, कितने क्वारंटीन में है, इस बात की भी जानकारी ली जा रही है. मंत्रियों को जिन राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें हर दिन पीएमओ को कोरोना वायरस के संक्रमण अपडेट और बचाव के काम का अपडेट देना होगा.
राजस्थान और पंजाब की जिम्मेदारी गजेंद्र सिंह शेखावत, असम की जनरल (रि) वीके सिंह, यूपी की राजनाथ सिंह, संजीव बाल्यान, महेंद्रनाथ पांडेय, कृष्णपाल गुर्जर, बिहार की रविशंकर प्रसाद और रामविलास पासवान, ओडिशा की धर्मेद्र प्रधान, छत्तीसगढ की अर्जुन मुंडा, झारखंड की मुख्तार अब्बास नकवी, महाराष्ट्र की नितिन गडकरी और प्रकाश जावड़ेकर को दी गई है.