Friday , November 22 2024

जो भी जमाती कोरोना पॉजिटिव होंगे, उनके ख़िलाफ़ दर्ज होगा केस: असम में 831 मुसलमान संदेह के दायरे में

कोरोना वायरस से असम अभी तक काफ़ी हद तक बचा हुआ था लेकिन तबलीगी जमात वालों के कारण अब उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी स्थिति बिगड़ रही है। असम के मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने इस सम्बन्ध में जानकारी दी है। केंद्र सरकार द्वारा दी गई सूचनाओं और राज्य सरकार के डेटा का मिलान करने के बाद पता चला है कि असम के 831 मुसलमानों ने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ बिल्डिंग में आयोजित तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रमों में शिरकत की थी। इसके बाद राज्य में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि उन सभी का पता लगाया जा सके।

असम सरकार ने अब तक 491 सैम्पलों को एकत्रित कर लिया है, अर्थात इतने लोगों की पहचान हो चुकी है। बाकी बचे लोगों की पहचान के लिए राज्य सरकार विभिन्न मस्जिद कमिटियों से संपर्क साध रही है। शर्मा ने बताया कि सभी के सैम्पल एकत्रित करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन्होंने बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि आगे से जो भी ऐसे कोरोना मरीज मिलेंगे, जिन्होंने तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया होगा, उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया जाएगा।

बता दें कि असम में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 26 मामले सामने आ चुके हैं। राहत की बात ये है कि वहाँ किसी की भी इस संक्रमण से मृत्यु नहीं हुई है। पूरे भारत की बात करें तो अब तक कोरोना के 4375 मरीज सामने आए हैं। इनमें से 329 ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 122 लोगों की मृत्यु हुई है। इस हिसाब से कोरोना वायरस के अभी फ़िलहाल 3924 सक्रिय मामले हैं। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 781 तो तमिलनाडु में 571 मामले आए हैं। दिल्ली 503 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है। तबलीगी जमात वाली घटना के बाद से अचानक से कोरोना के संक्रमण के आँकड़ों में उछाल आया है।

असम सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए सभी पुलिस के जवानों, सरकारी कर्मचारियों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख के बीमा कवर की घोषणा की है। पीएम मोदी पहले ही देश भर में ऐसे इंश्योरेंस कवर की घोषणा की है लेकिन सर्वानंद सोनोवाल की सरकार ने पुलिसकर्मियों को भी इसके दायरे में लिया है क्योंकि कोरोना से निपटने वालों में वो भी पहली पंक्ति पर ही खड़े हैं। मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने जनता के विश्वास को जीतने में सफलता प्राप्त की है, जिसके कारण कोरोना से निपटने में आसानी हो रही है।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch