लखनऊ। केंद्र सरकार की तर्ज पर योगी सरकार भी कोरोना से जंग में अपने विधायकों की सैलरी में कटौती कर सकती है. दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के तहत सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दी है. इसके तहत एक अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसदी तक कम किया जाएगा. केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए योगी सरकार सभी विधायकों की सैलरी 30 प्रतिशत कम करने के अध्यादेश को लाने की तैयारी में है. केंद्र के फैसले की कॉपी मिलने के बाद यूपी सरकार विधायकों की सैलरी को लेकर निर्णय ले सकती है. साथ ही सभी विधायकों की निधि भी 2 साल के लिए सस्पेंड करने की तैयारी है. विधायक निधि का कोविड-19 की महामारी से पैदा होने वाले हालातों से निपटने में इस्तेमाल किया जाएगा.
गौरतलब है कि कोरोना से जंग में देश को आर्थिक रूप से भी नुकसान हुआ है. कामकाज ठप पड़ा है, ऐसे में सरकार के खजाने पर भी बोझ बढ़ गया है. हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ-साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से आम जन से अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार सहयोग देने की अपील की गई है. इसी कड़ी में अब सांसदों ने भी खुले दिल से कोरोना से जंग में योगदान देने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी अपनी स्वेच्छा से 30% कम सैलरी लेंगे. बता दें कि दो साल तक सांसद निधि रोके जाने से सरकार के खाते में 7900 करोड़ रुपये आएंगे.