‘कॉमरेड’ अरुण नाम्बियार (Arun Nambiar) को सोशल मीडिया पर जहर उगलना महँगा पड़ा। ट्विटर पर ‘कॉमरेड’ अरुण के कुछ ऐसे पोस्ट के स्क्रीनशॉट सामने आए हैं, जिनमें उसने भारत (भारत माता के रूप में) से लेकर मृतक पुलिस अधिकारियों तक पर भद्दे ट्वीट और फेसबुक पोस्ट किए हैं।
अप्रैल 07, 2020 को किए गए एक ऐसे ही ट्वीट में ‘कॉमरेड’ अरुण नाम्बियार ने लिखा है- “तो ट्रम्प के अपनी पैंट की चेन खोलते ही भारत माता अपने घुटनों पर झुक गई?”
This guy Arun Nambiar a serial abuser now handle name @Proletarian1917 lives in Mumbai is posting extremely vulgar comment on India. This needs real treatment and very strict action this is not FOE sir @HMOIndia , @MumbaiPolice.
यह ट्वीट अरुण नाम्बियार ने डोनाल्ड ट्रम्प के भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की माँग करने के बाद किया है। निश्चित तौर पर यह ट्वीट भारत माता के प्रतीक के रूप में उसके उपहास करने के उद्देश्य से किया गया था।
सत्ता और विचारधारा के विरोध में ये इतने आगे निकल चुके हैं कि अब उन्हें यह भी ध्यान नहीं रहता कि दिन-रात नफरत में डूबने का उन पर अब नकारात्मक असर होने लगा है। नतीजा यह होता है कि अपने भीतर के जहर को जब तक वो सोशल मीडिया पर चार लोगों के बीच नहीं उड़ेलते, तब तक उन्हें तसल्ली भी नहीं होती।
ट्विटर यूजर @NagpurKaRajini ने कॉमरेड अरुण नाम्बियार के इस ट्वीट के साथ गृह मंत्रालय के अलावा मुंबई पुलिस को टैग करते हुए इस पर संज्ञान लेने की अपील करते हुए लिखा कि यह एकाउंट आदतन गालीबाज है और इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
मुंबई पुलिस ने इस पर संज्ञान लेते हुए जवाब में लिखा है कि उन्होंने इस बारे में सोशल मीडिया लैब और साइबर पुलिस स्टेशन को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश दे दिए हैं। फिलहाल ‘कॉमरेड’ अरुण नाम्बियार ने अपना ट्विटर अकाउंट लॉक कर लिया है ताकि कोई उसके ट्वीट देख न सके।
अरुण नाम्बियार की हरकतों को देखकर उसके सोशल मीडिया अकाउंट से उसके कुछ पुराने पोस्ट भी सामने आ रहे हैं। दिवाकर कोठारी ने ऐसे ही कुछ स्क्रीनशॉट्स पोस्ट किए हैं। इनमें से अगस्त 2016 के एक फेसबुक पोस्ट में अरुण नाम्बियार ने बिहार में भाजपा नेता अशोक जायसवाल की गोली से मौत पर लिखा था- “बिहार से अच्छी खबर- दानापुर के अशोक जायसवाल की गोली लगने से मौत।”
We know that a terrorist’s nature is to attack. But these assholes are worse than a terrorist. They live among us and slit our throat whenever some comrade commands them to do so.
दिसम्बर 2019 को किए गए एक ट्वीट में अरुण नाम्बियार ने लिखा है- “बहुत सोचने के बाद मैंने अपने टॉयलेट का नाम ‘राम’ रखने का फैसला लिया है।”
एक अन्य ट्वीट में पेरियार के समर्थन में कॉमरेड नाम्बियार ने लिखा है कि अगर किसी उत्तर भारतीय ने पेरियार की मूर्ती को छूने की कोशिश की तो सबसे पहले भारत का झंडा झुकेगा।