आज से करीब 36 साल पहले भारत ने यूएई में इतिहास रच दिया था. 1984 को पहली बार एशिया कप (Asia Cup) क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया गया था. इसमें भारत के अलावा पाकिस्तान और श्रीलंका ने हिस्सा लिया था. ये टूर्नामेंट राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था, यानि हर टीम को बाकी सभी टीमों से टकराना होता है. इस सीरीज में कुल 3 मैच ही खेले गए थे, और कोई फाइनल मुकाबला नहीं हुआ था. 1983 के वर्ल्ड में टीम इंडिया को चैंपियन बनाने वाले कप्तान कपिल देव चोट की वजह से ये टूर्नामेंट नहीं खेल पाए थे. भारत की कमान अब सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) के हाथों में थी.
#OnThisDay in 1984, @BCCI won the first ever Asia Cup. What has been your favourite Asia Cup moment? pic.twitter.com/cwlfGk4UvQ
— ICC (@ICC) April 13, 2015
उधर पाकिस्तान के बेहतरीन खिलाड़ी इमरान खान भी इस सीरीज में शामिल नहीं हुए थे. भारत ने अपना पहला मुकाबला श्रीलंका के खिलाफ खेला था जहां उसे फतह हासिल हुई थी. इसके अलावा भारत का दूसरा और आखिरी मुकाबला पाकिस्तान से था, जिसमें टीम इंडिया को 54 रन से जीत हासिल हुई थी. तीनों टीमों के बीच कुल 3 मैच ही खेले गए थे. भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा होने की वजह से उन्हें चैंपियन घोषित कर दिया गया था.
#OnThisDay in 1984, India won the inaugural edition of the Asia Cup!
A fifty from Surinder Khanna powered India to 188/4 before Ravi Shastri and Roger Binny bowled Pakistan out for 134, setting up a 54-run win in Sharjah. pic.twitter.com/qPNM0Vvzu9
— ICC (@ICC) April 13, 2019
टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज सुरिंदर खन्ना (Surinder Khanna) ने दोनों मैचों में अर्धशतक लगाया था. इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 56 रन की पारी खेली थी. 2 अर्धशतकों की वजह ,से सुरिंदर को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ अवॉर्ड दिया गया था. सुरिंदर को भारत के सीनियर विकेटकीपर सैय्यद किरमानी की जगह टीम में शामिल किया गया था. टीम इंडिया की तरफ से कप्तान गावस्कर को पहले एशिया कप की ट्रॉफी सौंपी गई और इससे साथ ही टीम इंडिया का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.