Monday , April 29 2024

CM योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन, दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht) का सोमवार सुबह दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute Of Medical Science) में निधन हो गया। एम्स के मुताबिक, सुबह 10.45 पर सीएम योगी के पिता ने अंतिम सांस ली। अब शव को पैतृक गांव पंचूर (उत्तराखंड) ले लाया जा रहा है। इसकी तैयारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि शव सोमवार को ही उत्तराखंड ले जाया जाएगा और वहीं पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

वेंटिलेटर पर थे योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट

किडनी की बीमारी के चलते चल रहा था डायलिसिस

एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, फिलहाल उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था और डायलिसिस भी चल रहा था। बता दें कि किडनी जब सही तरीके से काम करना बंद कर देती है, तो ऐसी स्थिति में सपोर्ट के लिए डायलिसिस किया जाता है।

एयर एंबुलेंस से लाए गए थे दिल्ली

मिली जानकारी के मुताबिक, 89 वर्षीय आनंद सिंह बिष्ट की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें उत्तराखंड में पौड़ी- गढ़वाल जिले के यमकेश्वर के ग्राम पंचूर से एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली के एम्स में लाया गया था। पिछले एक महीने से  एम्स के एबी वॉर्ड में भर्ती योगी के पिता का इलाज गेस्ट्रो विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा की टीम के नेतृत्व में किया जा रहा था।

रविवार रात हुई थी ज्यादा तबीयत खराब

बताया जा रहा है कि रविवार को उनकी अचानक तबीयत फिर से खराब हो गई। इसके बाद से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। इससे पहली तबीयत खराब होने पर उन्होंने पौड़ी-गढ़वाल जिला स्थित जॉलीग्रांट के हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार नहीं होने के बाद एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली ले लाया गया था।

सेवानिवृत्ति के बाद रह रहे थे पैतृक गांव में

गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट बतौर फॉरेस्ट रेंजर अपनी सेवाएं दे चुके थे। सेवानिवृत्ति के बाद से वह अपने पैतृक गांव में रह रहे थे।

बता दें कि योगा आदित्यनाथ संन्यासी होने की वजह से अपने माता-पिता से कम ही मिलते थे।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch