ज्योतिष विज्ञान के अनुसार शनि 11 मई 2020 को मार्गी से वक्री हो गए है । सोमवार सुबह 09 बजकर 27 मिनट पर शनि अपने पिता सूर्य के नक्षत्र उत्तराशाढा के चौथे चरण और अपनी ही राशि मकर में वक्री हो गए हैं । शनि की इस उल्टी चाल के कारण मिथुन, कुंभ और कर्क राशि के जातकों को अगले 142 दिन संभलकर रहना होगा । शनि की उल्टी चाल आप तीनों के लिए ही मुश्किलें पैदा करने वाली हैं । क्या होंगी परेशानियां और कैसे मिल सकती है राहत, आगे पढ़ें ।
मिथुन, कुंभ और कर्क राशि पर असर
शनि के वक्री होने का प्रभाव तीन राशियों पर सबसे ज्यादा है । मिथुन राशि वालों के 8वें भाव में शनि वक्री होंगे । जातकों को सड़क पर वाहन और कोर्ट कचहरी के मामले में बेहद सावधानी बरतनी होगी । अगले 4 महीनें ससुराल पक्ष के लिए संकट भरे हो सकते हैं, दांपत्य जीवन में उथल पुथल संभावी है । वहीं कर्क राशि के के 7वें भाव में शनि वक्री हुए हैं । आपको कई मामलों में बड़ा नुकसान हो सकता है । मई, जून में थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है और जुलाई से सब ठीक होने वाला है । वहीं कुंभ राशि के जातकों के खर्चों में तेजी से वृ्द्धि होगी । निवेश न करें, क्रोध बढ़ेगा और आप जबरन लोगों से उलझेंगे ।
उपाय करें, लाभ होगा
ज्योतिष एक्सपर्ट्स के अनुसार शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय करने आवश्यक हैं । इसके लिए अन्न का दान, बुजुर्गों की सेवा सर्वोत्तम मानी गई है । वहीं पशुओं को खाना खिलाना और शनि देव के मंत्र का जाप करना फलदायी रहेगा । साथ ही जरूरतमंदों की मदद करना और दान देना भी पुण्यकारी होगा । इस प्रकार से शनिदेव की वक्री चाल के बुरे प्रभावों से बचा जा सकेगा।
शनि का प्रभाव
शनिदेव न्याय के देव माने गए हैं । उन्हें प्रसन्न रखने के लिए सदैव नेक कर्म करने चाहिए । झूठ बोलना, किसी को नीचा दिखाना, ईमानदार ना रहना जैसी नैतिक गलतियों की भी आपको शनिदेव सजा देते हैं । हर व्यक्ति को शनि आराधना अवश्य करनी चाहिए, ऐसा इसलिए नहीं कि आप शनि से डरें बल्कि इसलिए कि आप पर उनकी कृपा बनी रहे ।