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ट्रम्प ने की चीन से अरबों डॉलर के निवेश वापस लेने की पुष्टि, कहा- सभी सख्त होना चाहते हैं, जबकि मैं सबसे सख्त हूँ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पुष्टि की है कि उनके प्रशासन ने चीन में अमेरिकी पेंशन फंड निवेश में अरबों डॉलर को वापस ले लिया है, साथ ही ट्रम्प ने कहा है कि इसी तरह के अन्य कार्यों पर भी विचार चल रहा है।

कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के बाद अमेरिका और चीन के सम्बन्धों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका ने बीजिंग द्वारा कोरोना वायरस को नियंत्रित करने पर निराशा व्यक्त की है। अमेरिका ने चीन पर बौद्धिक संपदा और अनुसंधान कार्य चोरी करने का भी आरोप लगाया गया है।

ज्ञात हो कि कोरोना के कारण सर्वाधिक प्रभावित अभी तक अमेरिका हुआ है, जहाँ पर करीब 86,912 से ज्यादा लोग अब तक अपनी जान गँवा चुके हैं और दुनियाभर में अब तक 3,03,405 लोगों की मौत दर्ज की जा चुकी है।

चीन से अरबों डॉलर के पेंशन फंड निवेश लिए वापस

बृहस्पतिवार (मई 14, 2020) को फॉक्स बिजनेस न्यूज़ ने ट्रम्प से जब उन रिपोर्ट्स की प्रमाणिकता के बारे में सवाल किया गया, जिनमें कहा गया था कि अमेरिका ने चीनी निवेश में अरबों अमेरिकी डॉलर का पेंशन फंड वापस लिया है, तो इस पर ट्रम्प ने जवाब दिया- “अरबों डॉलर, अरबों… हाँ, मैंने इसे वापस ले लिया।”

एक अन्य प्रश्न में, अमेरिका के राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या वह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और NASDAQ में सूचीबद्ध होने के लिए चीनी कंपनियों को सभी शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर करेंगे?

एक साक्षात्कारकर्ता ने कहा कि अलीबाबा जैसी चीनी कंपनियों को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन वे अपनी कमाई की रिपोर्ट उस तरह नहीं करते हैं, जिस तरह से कि एक अमेरिकी कंपनी करती है।

‘सभी सख्त होना चाहते हैं, जबकि मैं सबसे सख्त हूँ’

इसके जवाब में ट्रम्प ने कहा – “हम बहुत सख्ती से इस मामले को देख रहे हैं। यह बहुत आश्चर्यजनक है, लेकिन यहाँ इसके साथ समस्या है। मान लीजिए कि हम ऐसा करते हैं? तो वे क्या करने जा रहे हैं? वे अपनी सूची को लंदन या कहीं और स्थानांतरित करने जा रहे हैं। आप इसका मतलब समझ सकते हैं?”

ट्रम्प ने कहा – “मान लें कि आप कठोर (Tough) होना चाहते हैं। तुम्हें पता है कि हर कोई एक ‘टफ’ इन्सान बनना चाहता है। देखो, मैं सबसे टफ आदमी हूँ। वे अब कहते हैं- ठीक है, हम लंदन चले जाएँगे या हम हांगकांग चले जाएँगे।

अमेरिका में चीन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उठ रही हैं आवाज

कोरोना वायरस की महामारी के लिए जिम्मेदार देश चीन के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति को उनके देश में जमकर समर्थन मिल रहा है। दुनिया में सबसे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने ही कोरोना को लेकर चीन के खिलाफ मोर्चा खोला था।

अमेरिका की सीनेट ने डोनाल्ड ट्रम्प को चीन के खिलाफ सजा तय करने का अधिकार दे दिया है। ऐसे में अमेरिका के 14 राज्यों के एटार्नी जनरल्स ने ट्रंप का समर्थन करते हुए उनसे कहा कि कोरोना से तबाही के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराइए।

चीन से सभी रिश्ते तोड़ने की धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर चीन से सारे रिश्ते तोड़ने की धमकी भी दी है। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका चीन को लेकर कई कड़े फैसले लेने जा रहा है।

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