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कोरोना ट्रैकर: 30 जनवरी को आया था पहला केस, देखें कैसे पार हुआ 1 लाख का आंकड़ा

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी का असर लगातार बढ़ता जा रहा है और मंगलवार को देश में कुल मामलों की संख्या 1 लाख के पार हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 3 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. भारत दुनिया का 11वां ऐसा देश है, जहां पर एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के केस हैं. देश में करीब 110 दिनों में कुल मामलों की संख्या एक लाख के आंकड़े को छू गई है.

क्या हैं स्वास्थ्य मंत्रालय का ताज़ा आंकड़ा?

19 मई की सुबह जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक,

देश में कुल केस: 101139

देश में कुल मौत: 3163

अबतक ठीक हुए: 39174

कुल एक्टिव केस: 58802

केरल में आया था पहला केस

आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी, 2020 को रिपोर्ट किया गया था. जो कि केरल में आया था, यहां वुहान से लौटे एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे और वह पॉजिटिव निकला था. उसके बाद देश में शुरुआती तीन केस केरल में ही आए थे.

करीब एक महीने तक देश में कोरोना वायरस की रफ्तार काफी धीमी ही थी, लेकिन मार्च के बाद कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ी. और अब देखते ही देखते कुल आंकड़े एक लाख को पार कर चुके हैं.

देश में कोरोना वायरस के अधिकतर मामले महाराष्ट्र से ही आए हैं. महाराष्ट्र में 35058 कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं, यानी देश में आए कुल मामलों का 35 फीसदी तो सिर्फ महाराष्ट्र से ही है. इसके अलावा गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां पर कोरोना वायरस के आंकड़े 10 हजार के पार हैं.

महाराष्ट्र में कुल केस: 35058, 1249 मौत

गुजरात में कुल केस: 11745, 694 मौत

तमिलनाडु में कुल केस: 11760, 81 मौत

दिल्ली में कुल केस: 10054, 168 मौत

लगातार बढ़ती गई मामलों की रफ्तार

आपको बता दें कि देश में शुरुआती दस हजार मामले आने में कुल 75 दिन लगे थे, लेकिन उसके बाद लगातार मामलों की रफ्तार बढ़ती गई. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले सात दिनों में ही कुल आंकड़ों की संख्या 70 हजार से 1 लाख तक पहुंच गई है.

हालांकि, लगातार मामलों की बढ़ोतरी का एक कारण अधिक संख्या में हो रही टेस्टिंग भी बताया जा रहा है. देश में अब 90 हजार से अधिक टेस्ट रोजाना हो रहे हैं, अबतक देश में 23 लाख से अधिक कोरोना वायरस के टेस्ट हो चुके हैं. जिनमें से आधे से अधिक टेस्ट मई महीने में ही हुए हैं, यही कारण है कि मई में हजारों की संख्या में केस देखने को मिले हैं.

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