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TikTok इंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि है चीनी प्रचार कंपनी? इस ई-मेल से हुआ खुलासा!

नई दिल्ली। चीन (China) से आए कोरोना वायरस (Coronavirus) को भले ही पूरी दुनिया कोस रही है, लेकिन चीनी ऐप टिकटॉक (TikTok) को खूब पसंद किया जाता है. मीम, संगीत, डांस, मेकअप ट्यूटोरियल और भी न जाने क्या-क्या है यहां. टिकटॉक को भले ही एक इंटरटेनमेंट प्लैटफॉर्म समझा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है.

टिकटॉक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का प्रपोगेंडा टूल है. टिकटॉक ने अपने मॉडरेटर्स को चीनी सरकार के खिलाफ कंटेंट को सेंसर करने के लिए कहा है. उदाहरण के लिए, जिसमें दलाई लामा या तिब्बत के बारे में बात की गई हो.

ये ईमेल कथित तौर पर भारत में टीकटॉक की टीम को भेजा गया था. निशाने पर भारतीय कंटेंट था, हालांकि हम इस ईमेल की प्रामाणिकता को सत्यापित नहीं कर सकते.

टिकटॉक ऐप बाइटडांस नाम की चीनी टेक कंपनी का है. जिसका मुख्यालय बीजिंग में है.

2018 में, बाइटडांस के संस्थापक झांग यिमिंग ने चीनी सरकार से एक वादा किया था. झांग ने कहा था- ‘देश की आधिकारिक मीडिया के साथ सहयोग को और अधिक गहरा करते हुए, आधिकारिक मीडिया सामग्री को फैलाया जा रहा है.’

पिछले दो सालों से टिकटॉक ने वचन का पालन करते हुए अपने प्लैटफॉर्म से चीन विरोधी कंटेंट को व्यवस्थित तरीके से हटा दिया है. बता दें कि इस वक्त ताइवान के लिए वैश्विक समर्थन बढ़ रहा है और यह आश्चर्य की बात नहीं है कि टिकटॉक पर ताइवान या तिब्बत और दलाई लामा से संबंधित कुछ भी नहीं है.

आपको बता दें कि पहले भी कंपनी ने अपने एम्प्लॉइज को टिकटॉक वीडियोज को मॉडरेट करने के लिए कहा था. ऐसे वीडियोज जिनमें तियानमेन स्क्वायर या तिब्बती स्वतंत्रता या बैन किए गए धार्मिक समूह- फालुन गोंग और हांगकांग प्रोटेस्ट का उल्लेख हो उन्हें प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाता है. इसमें वो कंटेंट भी शामिल हैं जिसमें उइगर मुसलमानों की दुर्दशा के बारे में बताया गया है.

कंपनी की वेबसाइट पर कम्यूनिटी गाइडलाइंस तो हैं, लेकिन बिना किसी विवरण के. हिंसक सामग्री के खिलाफ गाइडलाइंस के बावजूद, टिकटॉक पर जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले कंटेट की भरमार है.

टिकटॉक पर ढेरों मजेदार वीडियो हैं, जिन्हें देखते हुए यह महसूस करना बिल्कुल मुश्किल है कि टिकटॉक चीनी प्रचार का हिस्सा भी हो सकता है.

टिकटॉक एक अंडरकवर चीनी विदेश नीति उपकरण हो सकता है. यदि ये ईमेल सही है, तो इससे वैश्विक सूचना युद्ध की आहट महसूस होती है. टिकटॉक को बैन करना ही इसका सबसे बेहतर जवाब होगा.

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