लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार बस भेजने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की पेशकश पर राजनीतिक महाभारत छिड़ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार का दावा है कि प्रियंका के ऑफिस की तरफ से दी गई लिस्ट में कुछ नंबर मोटरसाइकिल, कार और तिपहिया वाहनों के हैं.
इस बीच यूपी सरकार के गृह विभाग ने प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव को लिखे खत में कहा कि 500 बसें गाजियाबाद के साहिबाबाद में और 500 बसें नोएडा में उपलब्ध करा दीजिए. सभी बसों को दोनों जिलों के जिलाधिकारी रिसीव करेंगे. सरकार की ओर से दिन के 12 बजे तक इन बसों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर भेजे गए खत में कहा गया कि आप लखनऊ में बस देने में असमर्थ हैं और नोएडा-गाजियाबाद में बस देना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में आप गाजियाबाद के कौशांबी और साहिबाबाद बस अड्डे पर 500 बसें और नोएडा के एक्पो मार्ट के पास ग्राउंड में 500 बसें उपलब्ध करा दें.
कल यूपी सरकार ने प्रियंका गांधी वाड्रा की पेशकश मंजूर करते हुए एक चिट्ठी जारी कर बसों की डिटेल मांगी थी. कांग्रेस ने एक हजार बसों की लिस्ट सरकार को भेज दी थी. इसके बाद सरकार की ओर से सभी बसों को लखनऊ में उपलब्ध कराने की चिट्ठी लिखी गई थी.
इस चिट्ठी के जवाब में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने जवाबी खत भेजकर कहा है कि देर रात 11 बजकर 40 मिनट पर यूपी सरकार की चिट्ठी मिली है. दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर मजदूर फंसे हैं. ऐसे में खाली बसों को लखनऊ भेजना संसाधनों की बर्बादी होगी.