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राहुल गाँधी ने एडिटेड वीडियो से ‘सच’ दिखाना चाहा: NDTV के पत्रकार ने भी नहीं दिया साथ, कर दिया भंडाफोड़

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोरोना संकट के बीच कॉन्ग्रेस के ‘युवा’ नेता राहुल गाँधी ने लाइव प्रेस कॉफ्रेंस में शिवसेना से अपनी राजनीतिक दूरी बना ली। यह कल मतलब 26 मई शाम की बात है। बाद में जब फजीहत हुई तो सफाई के तौर पर एक एडिटेड वीडियो शेयर कर दी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ऐसा कुछ कहा ही नहीं।

हालाँकि, उनके पार्टी पेज पर शेयर की गई, लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस की वीडियो ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि उनके द्वारा साझा की गई वीडियो एडिटिड है, जिसके जरिए वह अपने फॉलोवर्स को बरगलाना चाहते हैं।

दरअसल, राहुल गाँधी ने कल देर रात लाइव कॉन्फ्रेंस की एडिटेड वीडियो को अपने ट्विटर अकॉउंट पर शेयर किया। उन्होंने इस वीडियो के साथ लिखा, “इस वीडियो को देखें कि कैसे पेड मीडिया अपने आकाओं के लिए सच्चाई को विकृत करता है और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाता है।” लेकिन, उनके इस पोस्ट पर कॉन्ग्रेसी समर्थकों को छोड़कर कुछ यूजर्स ऐसे दिखे, जिन्होंने फौरन राहुल गाँधी के झूठ को पकड़ लिया और वीडियो की प्रमाणिकता पर संदेह व्यक्त किया।

अब, यदि हम वास्तविक प्रेस कॉनफ्रेंस की वीडियो को देखते हैं, जिसे कॉन्ग्रेस ने अपने पेज पर भी शेयर किया है, तो मालूम चलेगा कि 31:45 से 34:50 के स्लॉट पर राहुल गाँधी ने संजीत त्रिवेदी के सवालों का जवाब देते हुए महाराष्ट्र की स्थिति पर बात की।

इसके बाद दूसरे पत्रकार की बात शुरू होते ही उन्होंने वापस अपनी बात में सामंजस्य बिठाने के लिए संजीत से दोबारा कनेक्ट होकर बात की। बाद में इन्हीं दोनों के स्लॉट को मिक्स करके एडिट किया गया और उस एडिटेड वीडियो को शेयर किया गया।

वास्तविक वीडियो में राहुल गाँधी ने महाराष्ट्र में कोरोना के हालातों को देखते हुए स्पष्ट कहा कि महाराष्ट्र एक ऐसी जगह पर है, जहाँ कोरोना के सबसे ज्यादा होने की संभावना है। मगर, इसके बाद उन्होंने ये साफतौर पर कहा कि वो यहाँ एक फर्क बताना चाहते हैं कि महाराष्ट्र में वो शिवसेना को सपोर्ट कर रहे हैं, वहाँ वे निर्णायक भूमिका में नहीं है। जहाँ की स्थिति के लिए वे जवाबदेह हैं, वो जगह-पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पॉन्डिचेरी है। इतना ही नहीं, इसके बाद उन्होंने ये भी स्पष्ट रूप से बोला कि सरकार चलाने में और सरकार को समर्थन देने में फर्क़ होता है।

मगर, जब सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे लेकर सवाल उठाए, तो उन्होंने कुछ मिनटों की वीडियो को शेयर कर दिया, जिसमें वे महाराष्ट्र को देश की एक प्रमुख धरोहर बोलते दिख रहे हैं और उसके मात्र 35 सेकेंड में ये भी बोल रहे हैं कि अगर उनकी सरकार महाराष्ट्र में है, तो भाजपा सवाल उठा सकती है, इसमें कोई गलती नहीं है। बल्कि उससे तो फायदा होता है, उससे तो उनकी सरकार सीख सकती है, लेकिन राज्य में बिना कोई वजह राष्ट्रपति शासन लागू करने की बातें करना तो रचनात्मक विरोध से बिलकुल अलग है।

यहाँ बता दें कि अब इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस की खूब फजीहत हो रही है। लोग इसी बात पर गौर करवा रहे हैं कि सच बताना था तो एडिट वीडियो शेयर करनी की क्या आवश्यकता थी? या आखिर क्यों 35 सेकेंड के बाद वीडियो में जंप है? और तो और, NDTV के पत्रकार भी राहुल गाँधी के इस एडिटेड वीडियो को लेकर कमेंट कर रहे हैं।

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