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दिल्ली में कोरोना की वजह से हालात गंभीर, LG अनिल बैजल ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से निपटने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता और आम आदमी पार्टी की तरफ से संजय सिंह ने हिस्सा लिया. एनसीपी और सीपीआई के नेता भी बैठक में मौजूद थे. दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर सभी पार्टियों ने एलजी के सामने अपने सुझाव रखे.

बीजेपी की तरफ से आदेश गुप्ता ने बैठक में सुझाव दिया कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति को देखते हुए कोरोना टेस्ट और बेड की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि मौजूदा संसाधन महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर महामारी से निपटने के लिए सामाजिक संस्थाओं और सभी पार्टियों को एक साथ लेकर कार्य करना चाहिए.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने ऑल पार्टी मीटिंग में मांग की कि दिल्ली के कोरोना वायरस से प्रभावित प्रत्येक परिवार को तुरंत प्रभाव से 10 हजार रुपये देकर उनकी मदद की जाए. क्योंकि वे इस समय वित्तिय संकट और स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि यही वित्तिय सहायता उन परिवारों को भी दी जानी चाहिए जो परिवार कंटेन्मेन्ट जोन में हैं, क्योंकि वे भी वित्तिय संकट के दौर से गुजर रहे हैं.

अनिल कुमार ने सुझाव दिया कि अस्पतालों में भीड़ करने पर रोक लगाएं, सभी कोविड पॉजीटिव रोगियों को नि:शुल्क टेली परामर्श सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए. प्रत्येक पॉजिटिव केस, बिना लक्षण वाले मामलों के लिए डॉक्टर निश्चित होना चाहिए जो उनका दो दिनों में एक बार चेकअप करें और हल्के लक्षणों वाले मरीजों की दिन में एक बार जांच कराई जाए. उन्हांने कहा कि केजरीवाल बाहरी बनाम दिल्लीवासी मुद्दे को उठा रहे हैं.

आम आदमी पार्टी की तरफ से बैठक में मौजूद संजय सिंह ने उपराज्यपाल के केजरीवाल सरकार के फैसले को निरस्त करने पर सवाल उठाए. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि खट्टर और योगी सरकार स्वास्थ सेवाओं में पूरी तरह से फैल है गाजियाबाद और गुड़गाव में केस बढ़ रहे हैं. इसलिए दिल्ली के हॉस्पिटल सबके लिए खुलवाकर भाजपा ने दिल्ली वालों का जीवन संकट में डाल दिया. संजय सिंह ने सवाल उठाया कि उपराज्यपाल के पास ऐसी कौन सी रिपोर्ट थी जिसके आधार पर केजरीवाल सरकार के फैसले को निरस्त किया गया.

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