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हनी-ट्रैपिंग मॉडल पर काम करती थी तानिया परवीन, अधिकारियों-नेताओं से सूचना निकाल भेजती थी पाकिस्तान

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को 22 वर्षीय तानिया परवीन की कस्टडी मिली है। कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने उसे मार्च में पश्चिम बंगाल के बादुरिया से लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

तानिया परवीन अब 10 दिनों के लिए एनआईए के हिरासत में है। यहाँ उससे आतंकवाद विरोधी एजेंसी की टीम कोलकाता ऑफिस में आगे की पूछताछ करेगी। तानिया कई सारे सिम कार्ड और व्हाट्सएप्प जैसे सोशल मीडिया एप्प के जरिए पाकिस्तानियों के संपर्क में थी।

ऐसा माना जा रहा है कि उससे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी काफी जानकारी मिल सकती है। तानिया परवीन को 20 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। बताया जाता है कि तानिया 10 साल पहले बांग्लादेश से घुसपैठ कर भारत आई थी।

तानिया ने कोलकाता के कॉलेज से एमए की पढ़ाई की है। वह सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठनों से जुड़ी थी और लश्कर के लिए युवाओं की भर्तियाँ करती थी। सरकारी सूचनाओं को पाने के लिए वो हनी-ट्रैपिंग का सहारा लेती थी। कई बड़े अधिकारियों व नेताओं तक उसकी पहुँच होने की बात कही जाती है। वह पाकिस्तान के लोगों से भी अक्सर बात करती थी।

तानिया के पास से कई पाकिस्तानी सिम कार्ड्स मिले थे। उसके व्हाट्सप्प ग्रुप के जरिए आतंकी ट्रेनिंग और उनके साहित्य से जुड़ी कई चीजें बरामद की गई है। उसके पास से जब्त की गई डायरी और दस्तावेजों से पता चला है कि उसने काफ़ी संवेदनशील सूचनाएँ जुटा ली थी।

वह मुंबई के 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड और आतंकी सरगना हाफ़िज़ सईद से भी 2 बार बातचीत कर चुकी है। वो पिछले 2 साल से लश्कर के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही थी और उस क्षेत्र में कई बार भड़काऊ भाषण भी दे चुकी है।

गिरफ़्तारी से पहले वो बांग्लादेश सीमा पर विभिन्न आतंकी संगठनों को एकजुट कर बड़े हमले की साजिश रचने में लगी हुई थी। उसके बैंक खाते में करोड़ों रुपए का लेन-देन हो रहा था, इसके बाद से ही परवीन की गतिविधियों पर संदेह होने लगा था।

उल्लेखनीय है कि तानिया का मुख्य लक्ष्य इस्लामिक राज्य की स्थापना करना था। इसके लिए उसे खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रेरणा मिली थी। वो उसी तर्ज पर काम करते हुए एक इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना चाहती थी। पाकिस्तान से उसके आकाओं ने उसे कई भड़काऊ पुस्तकें भेजी थीं, जिसे पढ़ कर उसकी सोच और भी कट्टरवादी हो गई थी।

तानिया ने मुर्शिदाबाद में कई आतंकी शिविर भी बना रखे थे, जहाँ वो अपने लोगों को भड़काऊ भाषण देने के लिए प्रशिक्षण देती थी। वहाँ वो लोगों को ‘जिहाद’ सिखाती थी और आतंकी गतिविधियों के संचालन के गुर भी सिखाती थी। वो कुछ दिनों बाद अत्याधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान जाने वाली थी। वह बांग्लादेश होकर पाकिस्तान जाने वाली थी, जहाँ वो आईएसआई अधिकारियों से मिलने वाली थी। वो आतंकी संगठन के लिए मोटी रकम भी जुटा रही थी।

3 साल से लश्कर से जुड़ी तानिया को ‘जिहाद’ का प्रशिक्षण इन्हीं किताबों के जरिए मिला। पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले के बाद उसकी फोटो शेयर कर के तानिया ने आतंकियों की प्रशंसा भी की थी। तानिया अक्सर मदरसों का दौरा करती थी और वहाँ भड़काऊ भाषण देकर लश्कर के लिए लोग जुटाती थी।

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