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शिवपाल की सपा से नजदीकियों की चर्चा और तेज, पार्टी के सभी प्रवक्ताओं के पैनल भंग किए

लखनऊ।  कुछ दिनों पहले सपा मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व अपने भतीजे अखिलेश यादव की तारिफ में कसीदे पढ़ने वाले शिवपाल यादव ने सोमवार को अपनी पार्टी  प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के सभी प्रवक्ता व पैनलिस्ट का मनोनयन तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने इस संबंध में आदेश  जारी करते हुए कहा है कि अब सभी पैनलिस्ट किसी टीवी चर्चा में अगले आदेश तक भाग नहीं लेंगे। पार्टी ने डा. सीपी राय (मुख्य प्रवक्ता) के साथ साथ 32 अन्य प्रवक्ता व पैनलिस्ट बनाए रखे थे।

बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव के इस फैसले के बाद से उनके सपा से नजदीकियों की चर्चा और तेज हो गई है। कई दिनों ने राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि जल्द ही शिवपाल यादव सपा में वापसी कर सकते हैं। सबसे पहले अखिलेश ने शिवपाल की सदस्या रद्द करने वाली याचिका वापस ली थी। इसके बाद शिवपाल ने अखिलेश को पत्र लिख थैंक्यू कहा था और आज अपनी पार्टी के साभी प्रवक्ताओं व पैनलिस्ट का मनोनयम खत्म करना इसी बात का संकेत माना जा रहा है कि दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं।

शिवपाल यादव ने सदस्यता वापसी के मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार व्यक्त किया था। साथ ही नए राजनीतिक विकल्प के बनने की बात कही थी। उसी समय कहा जा रहा था कि इसी के साथ शिवपाल ने साथ-साथ चलने का संकेत दिया है।शिवपाल ने अखिलेश को लिखे पत्र में कहा था कि आपके आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए दी गई याचिका को वापस कर दिया गया है। इस स्नेहपूर्ण विश्वास के लिए आपका कोटिशः आभार। शिवपाल ने पत्र में लिखा है कि निश्चय ही यह मात्र एक राजनीतिक परिघटना नही है, बल्कि आपके इस तरह के स्पष्ट, सार्थक व सकारात्मक हस्तक्षेप से राजनीतिक परिधि में आपके नेतृत्व में एक नव -राजनीतिक विकल्प का भी जन्म होगा।

शिवपाल यादव सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। जब शिवपाल ने अलग पार्टी प्रसपा बना ली तो सपा ने उनकी सदस्यता ख़त्म कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के यहां याचिका दाखिल कर दी। बाद में सपा ने इसे वापस ले लिया। इसे अखिलेश व शिवपाल के बीच रिश्तों में आई खटास दूर होने का संकेत माना जा रहा है।

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