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लद्दाख: सेनाप्रमुख ने चीनी सेना का मुकाबला करने वाले सैनिकों को किया सम्मानित

नई दिल्ली। सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को लद्दाख की फॉरवर्ड चौकियों का दौरा किया. सेना प्रमुख ने अधिकारियों से भी बात की. इस दौरान सेना प्रमुख ने गलवान घाटी में चीनी हमले का मुकाबला करने वाले सैनिकों को प्रशंसा-पत्र (COAS commendation cards) से सम्मानित किया.

सेना प्रमुख के आज के दौरे पर बयान जारी करते हुए भारतीय सेना ने कहा, “आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख के फॉरवर्ड इलाकों का दौरान और ग्राउंड पर तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाया और उनके शौर्य की प्रशंसा की.”

सेना प्रमुख का LAC का यह दौरा आज समाप्त होने वाला. इसी इलाके में पिछले हफ्ते चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. सेनाध्यक्ष ने कल लेह में गलवान संघर्ष में घायल जवानों से मुलाकात की थी.

सेना के अधिकारियों ने बताया कि लेह पहुंचने के तुरंत बाद जनरल नरवणे ने सेना के अस्पताल का दौरा किया जहां 15 जून को गलवान घाटी में घायल हुए 18 सैनिकों का इलाज चल रहा है. सेना प्रमुख ने लगभग सभी घायल सैनिकों से बातचीत की और बहादुरी के लिए उनकी प्रशंसा की. अस्पताल का दौरा करने के बाद नरवणे ने नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने चीन की तरफ से किसी भी तरह के दु:साहस से निपटने के लिए अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए.

पिछले हफ्ते एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर हवाई अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना की तैयारियों की समीक्षा की थी.

सरकार ने दी सशस्त्र बलों को पूरी छूट
सरकार ने रविवार को सशस्त्र बलों को पूरी छूट देते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीनी सैनिकों के किसी भी दु:साहस का करारा जवाब दें. सेना पिछले एक हफ्ते में सीमा के पास हजारों अतिरिक्त सैनिकों को भेज चुकी हैं. संघर्ष के बाद भारतीय वायु सेना भी लेह और श्रीनगर सहित कई मुख्य हवाई अड्डों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान और अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात कर चुकी है.

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