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क्या 5G टावर्स से फैल रहा है कोरोना वायरस? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी ये जानकारी

नई दिल्ली। दुनिया में जैसे-जैसे कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, तमाम तरह की साजिश वाली खबरें भी आने लगी हैं. ऐसी ही एक साजिश थ्योरी इंटरनेट की दुनिया में फैली कि कोरोना वायरस के प्रसार में 5जी टेक्नोलॉजी की भूमिका है. अब इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एडवाइजरी जारी की है.

5G टावर पर फेंका पेट्रोल बम

गौरतलब है कि यह बात इस तेजी से फैली कि ब्रिटेन में वोडाफोन के एक 5G टावर पर किसी ने पेट्रोल बम तक फेंक दिया. ऑनलाइन दुनिया में इसको लेकर जमकर बहस, चर्चा होने लगी. इसकी वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन को आगे आना पड़ा. ब्रिटेन की टेलीकॉम कंपनियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर ऐसे दावे को निराधार और नुकसान पहुंचाने के इरादे वाला बताया.

क्या कहा WHO ने

WHO ने एक एडवाइजरी जारी कर यह स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस रेडियो तरंगों या मोबाइल नेटवर्क से नहीं फैलता. WHO ने कहा कि कोरोना वायरस ऐसे कई देशों में फैला है जहां अभी तक 5जी नेटवर्क पहुंचा ही नहीं है.

क्यों उड़ी अफवाह

असल में 3G और 4G की तुलना में 5G टेक्नोलॉजी के लिए काफी घने नेटवर्क की जरूरत होती है. इसकी वजह यह है कि इसमें जिस स्पेक्ट्रम बैंड मिड बैंड और मिलीमीटर वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है उसमें उंची फ्रिक्वेंसी की तरंगे होती हैं जिनके कवरेज के लिए ज्यादा टावर और छोटे-छोटे सेल जैसे नेटवर्क की जरूरत होती है. य​दि किसी टेलीकॉम कंपनी ने मिलीमीटर वेव का इस्तेमाल किया तो उसे हर बेस स्टेशन पर ज्यादा एंटेना लगाने की जरूर होगी. कंसल्टेंसी फर्म अर्न्स्ट ऐंड यंग के मुताबिक 4G की तुलना में 5G में हर सेल में 5 से 10 गुना ज्यादा छोटे सेल की जरूरत होती है. तो ज्यादा टावर, एंटेना और छोटे-छोटे सेल का मतलब है कि लोगों का रेडियो तरंगों से संपर्क भी ज्यादा होगा.

क्या सेहत के लिए नुकसानदेह है 5G टेक्नोलॉजी

एक अनुमान के अनुसार दुनिया भर में इस समय करीब 125 टेलीकॉम कंपनियां व्यावसायिक रूप से 5G टेक्नोलॉजी शुरू कर चुकी हैं. इनमें से सबसे ज्यादा अमेरिका में हैं. 5G टेक्नोलॉजी का सेहत पर क्या असर होता है, इसको लेकर दुनिया में कई स्टडी की गई हैं. WHO और अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडि​सीन की स्टडी में कहा गया कि इससे लोगों की सेहत को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन कई स्वतंत्र अध्ययन में वैज्ञानिकों ने सेहत पर इसके नुकसान का दावा किया है.

गौरतलब है कि दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, इसकी वजह से लोगों में डर बढ़ रहा है और तरह-तरह की अफवाहें भी. दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के 1 करोड़ से ज्यादा मामले हो चुके हैं जिनमें 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

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