लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में चल रहे दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया में कई ऐसे राज फाश हो रहे हैं, जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था. SIT जांच के दौरान विभाग में 2823 फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है. जिनसे अब सरकार वेतन वसूली करने जा रही है. इसके लिए फर्जी शिक्षकों को नोटिस भी दे दिया गया है.
आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री पर नौकरी
डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के नाम की B. Ed. की फर्जी डिग्री लगाकर ये शिक्षक यूपी के परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त हुए थे. SIT की जांच में 2823 फ़र्ज़ी अध्यापकों का खुलासा हुआ. इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने फ़र्ज़ी शिक्षकों पर केस दर्ज कराने और उन्हें दिए गए वेतन की वसूली के लिए नोटिस जारी करने के लिए कहा है. उन्होंने 3 जुलाई यानि कल तक इसकी रिपोर्ट भी मांगी है.
करोड़ों की होगी वसूली
एसआईटी जांच में जिन फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है, उनकी भर्तियां वर्ष 2004-2005 से लेकर वर्ष 2016 तक में हुई हैं. इन सभी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में इन्हीं सत्रों की फर्जी डिग्री भी लगाई थी. इस हिसाब से अगर इनकी नियुक्ति से अब तक की वेतन वसूली होती है तो सरकार को कई सौ करोड़ रुपये वापस मिलेंगे. एक शिक्षक से ही लाखों की वेतन वसूली होने वाली है.