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विकास दुबे को पहले ‘साइकिल’ का सहारा, अब यूपी पुलिस का मजाक बना रहे अखिलेश यादव

लखनऊ। कानपुर में दो जुलाई को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला किया। हमले में आठ पुलिसकर्मी की मौत हो गई। इस घटना के बहाने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस का मजाक उड़ाने की कोशिश की है।

अखिलेश ने बीबीसी का एक कार्टून शेयर किया है जिसमें यूपी पुलिस के आठ जवानों की मौत को लेकर कटाक्ष किया गया है। यहॉं यह जानना दिलचस्प है कि विकास दुबे की सपा-बसपा के कई नेताओं से करीबी रही है। उसकी पत्नी सपा के टिकट पर पंचायत चुनाव भी लड़ चुकी है।

इधर पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला करने वाले कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की माँ ने बयान दिया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस को उनके बेटे को मुठभेड़ में मार देना चाहिए क्योंकि उसने जो किया वह गलत था।

गैंगस्टर की माँ सरला देवी ने कहा, “अच्छा होगा अगर वो खुद सरेंडर कर दे। धोखे से भागता रहा तो पुलिस उसे एनकाउंटर में मार देगी। मैं तो कहती हूँ पकड़ लो और फिर एनकाउंटर कर दो। उसने बहुत बुरा किया है।”

गैंगस्टर विकास दुबे की माँ ने कहा कि राजनेताओं के संपर्क में आने के बाद विकास दुबे अपराध की दुनिया में शामिल हो गया था। सरला देवी ने यह भी कहा कि उनके गैंगस्टर बेटे ने परिवार को बहुत शर्मिंदा किया है।

कानपुर में हुई मुठभेड़ के बाद विकास दुबे फिलहाल फरार है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है।

विकास दुबे की माँ सरला देवी ने कहा, “विकास एमएलए चुनाव जीतना चाहता था। उसने तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री रहे संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। मैं चार महीने से उनसे नहीं मिली हूँ। मैं अपने छोटे बेटे के साथ लखनऊ में रह रही हूँ। हमें उसकी वजह से बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”

गौरतलब है कि कानपुर स्थित चौबेपुर के बिकरू गाँव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को बृहस्पतिवार (जुलाई 02, 2020) की आधी रात पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया।

कानपुर में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में एक उप पुलिस अधीक्षक सहित कम से कम आठ उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों में एक पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है।

शुक्रवार (जुलाई 03 ,2020) को पुलिस ने बताया कि यह मुठभेड़ बृहस्पतिवार और शुक्रवार की रात चौबेपुर थाना अंतर्गत डिक्रू गाँव में 60 आपराधिक मामलों में आरोपित हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए हुई थी।

अधिकारियों ने कहा कि जब पुलिस टीम खूंखार अपराधी के ठिकाने पर पहुँचने वाली थी, तब एक बिल्डिंग की छत से उन पर गोलियों की बौछार की गई, जिससे डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा, तीन सब-इंस्पेक्टर और चार कॉन्स्टेबल मारे गए। घटना का विवरण देते हुए, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) एचसी अवस्थी ने कहा कि कुख्यात अपराधी को इस छापेमारी की भनक लग गई थी।

DGP अवस्थी ने कहा कि उसने और उसके साथियों ने पुलिसकर्मियों को उनके ठिकाने की ओर बढ़ने से रोकने के लिए बड़े स्तर पर रोड ब्लॉक कर रखा था। पुलिस टीम के गाँव में पहुँचते ही विकास दुबे और उसके साथियों ने घरों की छत से फायरिंग शुरू कर दी। अपराधियों ने एक इमारत की छत से उन पर नजर रखी और हमला किया जिससे पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।

डीजीपी ने कहा कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज़ किया गया था, पुलिस उसे पकड़ने गई थी। पुलिस सर्विलांस के जरिए विकास दुबे का पता लगा रही है और कई अन्य ठिकानों पर छापे मार रही है। साथ ही सभी सीमाओं को भी सील कर दिया गया है।

वर्ष 2001 में शिवली थाने के बाहर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या करने में नामजद रह चुके हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे चौबेपुर थाना क्षेत्र के गाँव बिकरू का रहने वाला है। उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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