नई दिल्ली। दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगे हाल के दिनों में इस्लामिक मॉब द्वारा प्रदर्शित हिंसा के क्रूर और वीभत्स प्रदर्शनों में से एक रहे हैं। हिंदुओं और मुसलमानों, दोनों समुदायों में से दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गए।
दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों से जो सबसे भयावह मामले सामने आए, उनमें आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा और मिठाई की दुकान के कर्मचारी दिलबर नेगी की हत्याएँ थीं। दिलबर नेगी को जिंदा जलाकर मार दिया गया था, तो वहीं अंकित शर्मा को AAP नेता ताहिर हुसैन की अगुवाई में मुस्लिम भीड़ द्वारा निर्मम हत्या कर चाँद बाग के नाले में फेंक दिया गया।
अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दायर चार्जशीट में, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाया कि ताहिर हुसैन ने जनवरी में शाहीन बाग में खालिद सैफी और उमर खालिद से मुलाकात की थी। यहीं पर तीनों के बीच दंगे की योजना तैयार की गई थी। चार्जशीट से यह भी पता चला है कि खालिद सैफी ने मलेशिया में इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से दंगों के लिए फंडिंग की माँग की थी। इसके अलावा, यह बात भी सामने आई है कि ताहिर हुसैन को शेल अकाउंट में पैसा मिला था, जो हिंदू विरोधी दंगों के लिए इस्तेमाल किया गया था।
अब तक, ताहिर हुसैन की भागीदारी चाँद बाग में हिन्दू विरोधी दंगों की योजना बनाने और दंगों को फंडिग करने की बात सामने आई थी। मगर अब यह भी पाया गया कि वह ‘काफिरों’ (हिंदुओं) के ऊपर पत्थर, एसिड की बोतलों आदि को फेंकने के लिए भीड़ को उकसा रहा था।
अंकित शर्मा हत्याकांड मामले में दायर चार्जशीट में अब खुलासा हुआ है कि ताहिर हुसैन ने न केवल दंगों की योजना बनाई और भीड़ को उकसाया, बल्कि वो खुद भी चाँद बाग के हिंदुओं के ऊपर छत से पत्थर और एसिड बरसा रहा था।
प्रदीप कुमार वर्मा, एक हिंदू जिसके गैरेज में ताहिर हुसैन और उसके घर पर इकठ्ठा हुई मुस्लिम भीड़ द्वारा आग लगा दी गई थी, ने पुलिस को बताया कि पहले, शाह आलम, गुलफाम, रियासत अली और अन्य ने उसकी पार्किंग का शटर तोड़ा, फिर उसे जलाया। जिसमें गैरेज में रखे सभी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। दंगाइयों ने उनका 20-22 हजार रुपए कैश भी लूट लिए।
जब ऐसा हुआ था, तब ताहिर हुसैन और लियाकत अली जैसे अन्य पार्किंग लॉट की ओर पत्थर फेंक रहे थे और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए उकसा रहे थे। प्रदीप ने इससे पहले भी पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने दंगाइयों की भीड़ को ये कहते हुए सुना था, “हिंदू है, मारो।”
एक अन्य गवाह, सुरेंद्र सिंह, जो कि प्रदीप के पार्किंग लॉट पर मौजूद थे, ने भी पुलिस को दिए अपने बयान में इन घटनाओं की पुष्टि की। साथ ही उन्होंने भी ताहिर हुसैन द्वारा पार्किंग लॉट पर पथराव और पेट्रोल बम बरसाने की बात कही।
एक दूसरे गवाह ने भी पुलिस से यही बात कही।
चार्जशीट में दर्ज गवाह के बयानों ने ताहिर हुसैन के लिए मुस्लिमों और वामपंथियों द्वारा उस रक्षा को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया, जब उसकी छत पर चलने के वीडियो दिल्ली दंगों के दौरान सामने आए थे।
वामपंथी प्रचार पोर्टल द वायर के साथ एक तथाकथित ’एक्सक्लूसिव’ साक्षात्कार में ताहिर हुसैन का दावा है कि वह “निर्दोष है और खुद सांप्रदायिक हिंसा का शिकार है”। उन्हें ट्विटर पर द वायर द्वारा प्रसारित की गई वीडियो क्लिप में यह कहते हुए सुना गया कि उन्हें मुस्लिम होने के लिए निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और उन्होंने दावा किया कि न्याय किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि ताहिर हुसैन ने कोर्ट में आत्मसमर्पण करने से ठीक पहले भी ऐसी ही अपील की थी। कई इस्लामवादियों ने ताहिर हुसैन की वकालत की थी और दावा किया था कि वह निर्दोष था। असल में उसने दिल्ली दंगों के दौरान खुद के दंगाइयों से बचाने के लिए पुलिस को बुलाया था।
हालाँकि, अब चार्जशीट में जो विवरण सामने आए हैं, वे साबित करते हैं कि न केवल ताहिर हुसैन योजना बना रहे थे और चाँद बाग में हुए दंगों में शामिल थे, बल्कि हिंदुओं पर पत्थर और पेट्रोल बम भी फेंक रहे थे, जिन्हें वह ‘काफिर’ मानते हैं।