कानपुर। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश की सूचना लीक करने का शक आठ पुलिस कर्मियों पर है। इसमें दो दारोगा, एक हेड कांस्टेबिल, चार सिपाही और एक होमगार्ड शामिल हैैं। एसटीएफ ने इन सभी से पूछताछ की है। हालांकि आधिकारिक टिप्पणी से सभी बच रहे है। ये नंबर विकास दुबे के घर से मिले दो मोबाइल फोन में दर्ज थे। इन दोनों फोन में कुल 40 संदिग्ध नंबर मिले, जिनमें 24 नंबर कानपुर व आसपास के थानों में तैनात पुलिसकर्मियों के हैैं। इन पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा रही है, हालांकि सभी खुद को बेकसूर बता रहे हैैं।
जिस तरह से योजना बनाकर विकास दुबे ने अपने शार्प शूटरों के साथ मिलकर जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया, उससे पुलिस अधिकारियों का स्पष्ट मानना है कि उसे पुलिस टीम की दबिश की सूचना मिल चुकी थी। चौबेपुर से फोर्स निकलने से पहले यह सूचना किसने दी? इस सवाल का जबाव ढूंढने की कोशिश की जा रही है। पुलिस को विकास दुबे के घर से उसके दो मोबाइल फोन मिले थे, जिनकी कॉल हिस्ट्री चेक करने पर करीब 24 पुलिसवालों के नंबर मिले हैं। इनमें से आठ पुलिसकर्मी वर्तमान में चौबेपुर व शिवराजपुर थाने में तैनात हैैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक इन पुलिसकर्मियों में दो दारोगा, एक हेड कांस्टेबिल, चार सिपाही और एक होमगार्ड शामिल हैैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोषी पाए जाने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। वहीं, लिसिनिंग पर लगे 50 और सर्विलांस पर लगे दो हजार से अधिक फोन नंबरों में क्या मिला है, इस पर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैैं। इन फोन नंबरों में पुलिस कर्मियों के साथ विकास के करीबियों, उसके परिवारीजन और रिश्तेदारों के नंबर भी शामिल हैैं।
गांव में पुलिस टीम पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही किसी सिपाही ने शिवली सबस्टेशन के एक लाइनमैन को फोन करके बिकरू गांव की बिजली कटवाई थी। एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है। पूछताछ में जेई ने बताया है कि रात में थाने से फाल्ट होने की सूचना देते हुए लाइनमैन के पास फोन आया था। इसके बाद एक घंटे के लिए गांव की बिजली काट दी गई थी।
पुलिस घटना से जुड़े छोटे से छोटे से बिंदु पर गंभीरता से जांच कर रही है। दबिश के दौरान टीम में शामिल सिपाहियों ने एसटीएफ को बताया कि गांव पहुंचे तो वहां बिजली नहीं आ रही थी, जबकि अमूमन रात में बिजली आती है। पुलिस टीम पहुंची तो विकास के घर के सामने एक सोलर लाइट जल रही थी। उससे रास्ता तो दिख रहा था लेकिन सोलर लाइट की रोशनी के कारण उसके पीछे का कुछ नहीं दिख रहा था।
इसी दौरान छतों से गोलियां चलने लगीं। एसटीएफ ने जांच की तो पता चला कि पुलिस टीम पहुंचने से करीब आधा घंटा पहले ही गांव की बिजली गुल हो गई थी। एसटीएफ ने शिवली सबस्टेशन के जेई से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि लाइनमैन के पास थाने से किसी का फोन आया था। लाइनमैन ने पूछताछ में वह मोबाइल नंबर बताया है, जिससे फोन आया था। यह सीयूजी न होकर निजी है और किसी सिपाही का बताया जा रहा है। इस नंबर को जांच पर लगा दिया गया है।